लखनऊ। “क्षेत्रीय युवा शोधकर्ताओं की बैठक (आरवाईआईएम) 2023−2024” जो सीएसआईआर-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई), लखनऊ में आयोजित हो रही थी का सफलतापूर्वक समापन हुआ। अंतिम दिन मे “क्राफ्टिंग योर करियर” (सीवाईसी) नामक एक आकर्षक कार्यशाला आयोजित की गई।
शोध के कार्य के साथ समाज की बेहतरी में भी हो योगदान : डॉ. संजय मिश्रा
इस कार्यशाला ने युवा शोधकर्ताओं को अपने करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उन्हें अधिक प्रेरित और सशक्त बनाने में उत्प्रेरक का काम किया।
तीसरे दिन की शुरुआत जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) भारत सरकार के वैज्ञानिक डॉ. संजय मिश्रा की ज्ञानवर्धक व्याख्यान से हुई। अपने संबोधन में, डॉ. मिश्रा ने अनुसंधान उद्देश्यों में स्पष्टता के महत्व पर जोर दिया एवं इस बात पर प्रकाश डाला कि शोध कार्य सिर्फ एक कार्य ना हो बल्कि समाज की बेहतरी हेतु उनका योगदान भी हो।
सीडीआरआई में क्षेत्रीय युवा शोधकर्ताओं की बैठक संपन्न
उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को अपने शोध को न केवल आर्थिक (मौद्रिक) लाभ के लिए बल्कि मानवता के कल्याण के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. मिश्रा ने किसी भी शोध परियोजना को क्रियान्वित करने से पहले सावधानीपूर्वक योजना बनाने के महत्व को भी रेखांकित किया।
कार्यक्रम इंडियाबायोसाइंस के प्रतिनिधियों डॉ. करिश्मा एस कौशिक एवं सुश्री अंकिता राठौड़ की प्रस्तुतियों के साथ जारी रहा। उन्होंने कौशल विकास, बायोडाटा निर्माण, प्रभावी संचार और एलेवेटर पिच तकनीकों जैसे विभिन्न पहलुओं को संबोधित करते हुए “क्राफ्टिंग योर करियर” कार्यशाला की शुरुआत की।
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इन सत्रों ने प्रतिभागियों को अनुसंधान करियर की जटिल दुनिया में सफलतापूर्वक मार्गनिर्देशन करने के लिए आवश्यक युक्तियों/कौशल/उपकरणों से सुसज्जित किया।
सीएसआईआर-सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने कार्यक्रम पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा, “क्षेत्रीय युवा शोधकर्ताओं की बैठक 2023-2024 ने युवा शोधकर्ताओं को अपने कौशल को बढ़ाने, आत्मविश्वास हासिल करने एवं उचित मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए एक उल्लेखनीय मंच प्रदान किया है।”
हमें इस कार्यक्रम की मेजबानी करने पर गर्व है, तथा हम अगली पीढ़ी के वैज्ञानिक नेतृत्व को तैयार करने में अपना समर्थन एवं सहयोग जारी रखने के लिए तत्पर हैं।”
आरवाईआईएम लखनऊ की सफलता बायोसाइंस अनुसंधान के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं के पोषण और प्रचार के लिए सीडीआरआई लखनऊ, इंडियाबायोसाइंस और स्थानीय आयोजन समिति की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
इस आयोजन ने न केवल ज्ञान के क्षितिज का विस्तार किया है बल्कि प्रतिभागियों के बीच पारस्परिक सहयोग एवं एक समुदायिक भावना को भी बढ़ावा दिया है।
यह कार्यक्रम इंडियाबायोसाइंस, सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ की स्थानीय आयोजन समिति जिसमें एसजीपीजीआई, लखनऊ, आईआईटी कानपुर, बीएचयू, वाराणसी और आईआईएसईआर भोपाल भी शामिल थे, द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
आरवाईआईएम लखनऊ के इस कार्यक्रम ने देश भर मे कार्येरत शोधकर्ताओं, अंतिम वर्ष के पीएचडी शोधकर्ताओं, पोस्टडॉक्टरल फेलो, संकाय सदस्यों, युवा अन्वेषकों, तथा प्रारंभिक-कैरियर शोधकर्ताओं सहित विविध एवं उत्साही प्रतभागियों को एक साथ लाया।