रोगी देखभाल में नई तकनीक को शामिल करने के गुण और दोषों की दी जानकारी 

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लखनऊ : “प्रौद्योगिकी और सर्जिकल अभ्यास : बून या बेन?” विषय पर अंतर-कमान सतत चिकित्सा शिक्षा सम्मेलन (सीएमई)  का आयोजन गत  25 से 26 मार्च तक कमान अस्पताल मध्य कमान, लखनऊ के सर्जिकल विभाग द्वारा आयोजित किया गया।

अंतर- कमान सतत चिकित्सा शिक्षा सम्मेलन (सीएमई) का हुआ आयोजन 

मध्य कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल विवेक कश्यप ने उद्घाटन भाषण दिया, जिसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन पुरी (सेवानिवृत्त), कुलपति केजीएमयू, लखनऊ ने कीनोट भाषण दिया।

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले अन्य प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों में जनरल सर्जरी विभागों के प्रमुखों के साथ-साथ उनके संकाय और केजीएमयू, आरएमएलआईएमएस, एचआईएमएस, ईआरए मेडिकल कॉलेज, इंटीग्रल इंस्टीट्यूट और कैरियर इंस्टीट्यूट के रेजिडेंट्स शामिल थे।

अगले दो दिनों में जनरल सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, वैस्कुलर सर्जरी, ट्रॉमा सर्जरी, यूरोलॉजी, जीआई सर्जरी और ऑन्को सर्जरी के क्षेत्र में भारतीय ट्राई सर्विसेज के प्रख्यात विशेषज्ञों और सिविल संस्थानों के प्रोफेसरों के व्याख्यानों की एक श्रृंखला शुरू हुई।

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रोगी देखभाल में नई तकनीक को शामिल करने के सभी गुण और दोषों पर प्रकाश डाला गया। ब्रिगेडियर सनत कुमार खन्ना की अध्यक्षता में कमान अस्पताल की सर्जिकल टीम ने सफलतापूर्वक 180 प्रतिनिधियों की मेजबानी की, जिनमें फैकल्टी और रेजिडेंट्स शामिल थे, जिन्होंने सक्रिय रूप से भाग लिया और सम्मेलन से लाभान्वित हुए।

इस कार्यक्रम में एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी भी शामिल थी जिसमें विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के जनरल सर्जरी रेजिडेंट्स ने सक्रिय रूप से भाग लिया। रेजिडेंट्स के लिए आयोजित हैंड्स-ऑन एनास्टोमोसिस प्रैक्टिकम कार्यक्रम भी किया गया।

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