लखनऊ। सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सुगंध पौधा संस्थान केे परिसर में आज किसान मेला-2022 की शुरुआत हो गई। कोविड महामारी के कारण, इस वर्ष 21 से 31 जनवरी तक आयोजित किसान मेले में रोज लगभग 200 किसान, उद्यमी और उद्योग जगत के प्रतिनिधि एवं सीएसआईआर-सीमैप के वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं।
किसान मेले का उद्घाटन आज डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप ने किया। सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए संस्थान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पहले से पंजीकृत और डबल टीकाकरण वाले व्यक्तियों को ही किसान मेले में प्रवेश की अनुमति होगी।
सीमैप में औषधीय एवं सगंध किसानों-वैज्ञानिकों-उद्योगों के लिए 10 दिवसीय मेला शुरू
सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद, संस्थान के वैज्ञानिक और कर्मचारी, किसानों को ऑनलाइन प्रशिक्षण, रोपण सामग्री एवं सेवाएं प्रदान करते रहे हैं, जिससे उनकी आय बढ़ाने में मदद मिली है।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि संस्थान द्वारा औषधीय एवं सगंध पौधों की किस्मों और प्रौद्योगिकियों में उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान को इन मेलों द्वारा आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है, और संस्थागत अनुसंधान के फल किसानों को उनकी आय में वृद्धि में मदद कर रहे हैं।
डॉ. त्रिवेदी ने इस किसान मेले में भाग लेने वाले देश के विभिन्न राज्यों के किसानों व उद्यमियों का स्वागत किया। इस किसान मेले के माध्यम से दूर-दूर से आए किसान, सीमैप द्वारा विकसित औषधीय एव सगंध पौधों की उन्नत प्रजातियों एवं कृषि तकनीकियों तथा उनसे बने हर्बल उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
इस अवसर पर किसान मेला स्मारिका “औस ज्ञान्या” का भी विमोचन किया गया। किसान मेले में मोरिंगा आधारित उत्पादों जैसे चाय, साबुन, तेल, पाउडर, कैप्सूल और टैबलेट, इत्यादि को प्रदर्शित करने वाली एक मोबाइल वैन को भी सीएसआईआर-सीमैप निदेशक, डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी द्वारा झंडी दिखाकर रवाना किया।
उत्पादों को सीएसआईआर-सीमैप के तकनीकी मार्गदर्शन में ‘जेवीकेएस कंपनी’ द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस अवसर पर निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप द्वारा देश के विभिन्न आईसीएआर एवं शैक्षणिक संस्थानों से एकत्रित गुलाब की 80 से अधिक किस्मों की एक नव विकसित रोजरी का भी उद्घाटन किया गया।
सीमैप किसान मेले में डॉ. सौदान सिंह ने विशेष गोष्ठी का संचालन किया तथा अगेती मिंट तकनीकी व जिरेनियम की खेती के बारें में किसानों से साझा की तथा डॉ. वी आर सिंह ने औषधीय एवं सगंध पौधों की पौध सामग्री संवर्धन के बारें में प्रतिभागियों को बताया ।
किसान गोष्ठी ने डॉ. सौदान सिंह, डॉ राजेश वर्मा, डॉ. सुदीप टंडन, डॉ. राम सुरेश शर्मा , डॉ. राकेश पाण्डे, डॉ. ऋषिकेश, डॉ. संजय कुमार आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
किसान मेले में औषधीय एवं सगंध पौधों पर उत्पादन से बाज़ार तक परिचर्चा गोष्ठी, उन्नत पौध सामग्री व प्रकाशनों का विक्रय, सीमैप प्रोडक्टस का प्रदर्शन, आसवन/प्रसंस्करण का सजीव प्रदर्शन, अगरबत्ती व गुलाब जल बनाने का प्रशिक्षण, मेंथा की अगेती कृषि तकनीकी का प्रदर्शन, औष फसलों का परंपरागत फसल प्रणाली में समावेश का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।