प्रतिबंधित दवाओं के सेवन से खिलाड़ी को होता है ये नुकसान, पढ़े रिपोर्ट

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लखनऊ। प्रतिबंधित दवाओं के सेवन में पॉजीटिव पाये जाने पर आरोपी खिलाड़ी के सभी मेडल वापस लेने के साथ उसकी उपलब्धियां भी निरस्त कर दी जाएगी। इसी के साथ इसका शरीर पर भी काफी बुरा असर पड़ता है।

यह जानकारी गुरुवार को केडी सिंह बाबू स्टेडियम के सभागार में आयोजित डोपिंग शिक्षण कार्यशाला में नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) के एंटी डोपिंग आफिसर मनोज कुमार व विकास त्यागी ने दी।

 

इस कार्यशााला की शु़रुआत मुख्य अतिथि खेल निदेशक डा. आरपी सिंह ने की। इस दौरान नाडा के अधिकारियों ने जानकारी दी कि प्रतिबंधित दवाओं के सेवन से दिल, लीवर एवं किडनी भी फेल हो सकती है तथा नपुंसकता भी होती है।

इस दौरान दोनों ने डोपिंग रोधी नियम के बारे में विस्तार से खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों तथा कर्मचारियों को व्याख्यान के माध्यम से शिक्षित किया गया।

उन्होंने डोपिंग के नियमों के उल्लंघनों से सम्बन्धित नियमों की विस्तार से जानकारी देते हुए इससे होने वाले शारीरिक व मानसिक नुकसान के बारे में भी बताया।

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उन्होंने प्रतिबंधित दवाईयों के बारे में बताने के साथ खिलाड़ियों को उनके अधिकारों के बारे में भी जानकारी दी। उसके साथ खिलाड़ियों को यह भी बताया कि नाडा किसी किसी भी समय आकस्मिक निरीक्षण कर डोपिंग टेस्ट कर सकती है और पाजीटिव पाये जाने पर आप द्वारा अर्जित सभी मेडल वापस ले लेगी।

इस अवसर पर लखनऊ के क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अजय कुमार सेठी, क्रीड़ा अधिकारी आनन्द कुमार श्रीवास्तव, साधना सिंह के साथ क्रीड़ा अधिकारी, उपक्रीड़ाधिकारी रंजीत राज, राजेश कुमार गौड़ सहित अन्य मौजूद रहे।

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