लखनऊ : अवनीश अवस्थी (से.नि. आईएएस) ने आज उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस, लखनऊ के छात्रों को “फॉरेसिंक साइंस कानून का राज स्थापित करने में सहायक” विषय पर एक बृहद व्याख्यान दिया।
उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि कानून को बनाए रखने में फॉरेंसिक साइंस की अपनी एक अलग भूमिका है। किसी भी गम्भीर अपराध के प्रकरण में फॉरेंसिक साइंस के माध्यम से साक्ष्यों को संकलित कर बड़े से बड़े प्रभावशाली व्यक्ति को जो अपराध में सम्मलित है, उसके विरुद्ध ठोस कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
यूपीएसआईएफएस में “फॉरेसिंक साइंस कानून का राज स्थापित करने में सहायक” विषय पर व्याख्यान
व्याख्यान का शुभारम्भ निदेशक यूपीएसआईएफएस, डॉ. जी.के. गोस्वामी के सम्बोधन से हुआ । डॉ. गोस्वामी ने यूपीएसआईएफएस द्वारा कम समय में हासिल की गई उपलब्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने यूपीएसआईएफएस में प्रचलित एवं आगामी पाठ्यक्रमों की महत्ता पर भी प्रकाश डाला।
उन्होने कहा कि आने वाले वक्त में इन कोर्सेंस की अवश्यकता बढ़ेगी। इन कोर्सों में शिक्षित छात्रो को देश के साथ विदेशों में भी काम करने का भरपूर अवसर प्राप्त होगा।
अवनीश अवस्थी ने भारतीय न्याय प्रणाली के अनुसार फोरेंसिक विज्ञान के लिए वन स्टॉप शैक्षणिक संस्थानों के रूप में यूपीएसआईएफएस के विकास हेतु डॉ.जीके गोस्वामी को बधाई दी।
उन्होंने कानून के शासन को कायम रखने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक त्वरित न्याय पहुंचाने में फोरेंसिक के महत्व से संबंधित अपने अपर मुख्य सचिव के कार्यकाल के दौरान के विभिन्न अनुभवों को भी साझा किए।
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उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध शैक्षणिक और व्यावसायिक आदान-प्रदान के विभिन्न अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने छात्रों से अपने माता-पिता, शिक्षकों, बड़ों और राष्ट्र का सम्मान करने हेतु प्रोत्साहित किया।
व्याख्यान का संचालन छात्र छात्राओं द्वारा किया गया। छात्रों ने भी खुले मन से अवनीश अवस्थी से बात चीत कर उनके अनुभव से प्रशासनिक वातावरण की सीख ली।
व्याख्यान के बाद निदेशक डॉ.जीके गोस्वामी ने स्मृति चिन्ह देकर अवनीश अवस्थी को सम्मानित किया। इस अवसर पर अपर निदेशक राजीव मल्होत्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ.सतीश कुमार एवं उपनिदेशक चिरंजीव मुखर्जी सहित संस्थान के शिक्षकगण भी मौजूद रहे। अवस्थी ने व्याख्यान के बाद संस्थान के परिसर का भ्रमण भी किया।