राष्ट्र के विकास की मुख्यधारा से जुड़ेंगे आत्मनिर्भर बंदीजन : डीजी जेल

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लखनऊ। जेलों में बंद बंदियों को आत्म निर्भर बनाने के उद‌्देश्य  से लखनऊ आदर्श कारागार में शुक्रवार को नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट का ऐतिहासिक कार्यक्रम निसबड की ओर से आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डीजी जेल आनंद कुमार ने किया।

लखनऊ कारागार में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप कार्यक्रम सम्पन्न

डॉ पूनम सिन्हा, डायरेक्टर निसबड ने मुख्य अतिथि डीजी जेल आनन्द कुमार को पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। डीजी जेल ने आनंद कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि उप्र शासन की मंशा के अनुरूप केंद्र सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता विकास मंत्रालय की ओर से बंदियों को स्वावलंबी बनाने का काम हो रहा है।

इस खास मकसद से बंदियों को नये-नये उद्यमिता विकास प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के नये युग का सूत्रपात हो रहा है जिससे बंदीजन आत्मनिर्भर होकर राष्ट्र के विकास की मुख्यधारा में एक उत्पादक नागरिक के रूप में अपना योगदान दे सकेंगे जो कि जेल विभाग का मूल उद्देश्य है।

इस अवसर पर अनुराधा वेमुरी-डायरेक्टर जनरल व ज्वाइंट सेक्रेट्ररी, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार ने निसबड के उद्देश्यों और आदर्श कारागार में प्रारंभ किये जा रहे प्रोजेक्ट की रूपरेखा का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि  निसबड भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता विकास  मंत्रालय के अधीन एक उपक्रम है।

जो देश भर में उद्यमिता एवं कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए परामर्श, शोध एवं विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता है। इस संस्थान की ओर से अब तक 12,37,307 प्रशिक्षणार्थियों को उद्यमिता संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।

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उन्होंने कहा कि डीजी जेल आनंद कुमार की विशेष रुचि के चलते उनके सहयोग से अब निसबड उप्र के बन्दियों को आत्मनिर्भर बना रहा है।  अब आदर्श कारागार में  इस प्रोजेक्ट को चलाकर बन्दियों को उद्यमिता विकास से संबंधित नयी जानकारियां  दी जाएगी।

अगले चरण में प्रदेश की अन्य जेलों में भी स्थापित उद्योगों में वर्तमान में बन रहे उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके उन्हें बाजार से लिंक किया जायेगा इस कार्य में विशेषज्ञों का सहयोग लिया जायेगा। कारागारों के वस्त्र उद्योग में बन रहे वस्त्रों को आकर्षक आधुनिक और बाजार की मांग के अनुरुप बनाने के लिए एनआईडी के डिजाइनर टिप्स बनाएंगे।

उत्तर प्रदेश की जेलों में इस प्रोजेक्ट की  सफलता के बाद अन्य राज्यों की जेलों में भी इस तरह के प्रोजेक्ट चालू किये जायेंगे। कार्यक्रम में शैलेंद्र मैत्रेय, उपमहानिरीक्षक, कारागार मुख्यालय रविशंकर छवि, पुलिस उपमहानिरीक्षक कारागार, कानपुर रेंज, आरके मिश्र वरिष्ठ अधीक्षक, मुख्यालय, संतलाल, अधीक्षक मुख्यालय, सीपी त्रिपाठी, प्रभारी वरिष्ठ अधीक्षक, आदर्श कारागार लखनऊ व भारी संख्या में आदर्श कारागार में निरुद्घ बन्दीजन उपस्थित रहे।

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