लखनऊः यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ में आज 90वें बैच के डिप्टी एसपी प्रशिक्षुओं ने फोरेंसिक साइंस के महत्व एवं बारीकियों को सीखा।
यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंस लखनऊ के अपर निदेशक राजीव मलहोत्रा ने बताया कि प्रान्तीय पुलिस सेवा के 90 वें बैच के डिप्टी एसपी प्रशिक्षु अधिकारियों का आज यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंस लखनऊ में प्रशिक्षण सेड्यूल निर्धारित किया गया था।
इसलिए प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए यूपीएसआईएफएस संस्थान में फॉरेंसिक साइंस से संबंधित विषयों के व्याख्यान सत्र आयोजित किये गये थे।
इस अवसर पर अपर निदेशक राजीव मलहोत्रा ने बीट प्रणाली और हिस्ट्रीशीटर संबंधित कार्यवाही प्रकाश डाला उन्होंने डिप्ट एसपी प्रशिक्षुओ को संबोधित करते हुए बताया कि हमें परंपरागत पुलिसिंग पर भी ध्यान देना चाहिए भले ही हम टेक्नोलोजी के साथ आगे बढ रहे हैं।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ.सतीश कुमार ने साइबर क्राइम के बारे में प्रशिक्षु अधिकारियों को विस्तृत रूप जानकारी प्रदान की।
उन्होंने आइटी एक्ट के मुकद्मों मे कार्यवाही के संबंध में कहा कि चेन आफ कस्टडी, हैस वैल्यू और साक्ष्य संकलन में नियमों की बारीकियों को गम्भीरता से जानना जरूरी है अन्यथा बाद में कोर्ट की प्रक्रिया में कठिनाई आ सकती है।
डा.नीरज राय ने प्रशिक्षु अधिकारियों को डीएनए के बारे में विस्तृत जानकारी दी उन्होने डीएनए पर किये गये कई केस स्टडी को भी बारिकी से समझाया।
उप निदेशक चिरंजीव मुखर्जी ने अपने दीर्घ सेवा काल के अनुभवों को साझा करते हुए प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि जीवन में हमेशा अव्वल बनने की कोशिश करना चाहिए आम रहने पर जिन्दगी चल सकती है पुलिसिंग नहीं।
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प्रशासनिक अधिकारी अतुल यादव ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए पुलिसिंग के अनुभवों पर प्रकाश डाला और प्रशिक्षु अधिकारियों को लाभप्रद जानकारी दी। इस अवसर पर जनसंपर्क अधिकारीसंतोष तिवारी ने व्याख्यान सत्र के सभी वरिष्ठ अधिकारियों एवं वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रशिक्षु अधिकारियों ने संस्थान के लैब का भी भ्रमण किया।
इस अवसर पर डा.रोशन सिंह, डा.सौरभ यादव एवं डा.पोरवी सिंह,प्रतिसार निरीक्षक सतीश सचान, उप निरीक्षक प्रभाकर सागर सहित संस्थान के अन्य शैक्षणिक स्टाफ उपस्थित रहे।