हाई 5 से बनाई पहचान, अब सीज़न 12 में वापसी को तैयार नितेश

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चेन्नई : हरियाणा के रोहतक ज़िले के एक छोटे से गाँव में, एक लड़का कभी दिनभर क्रिकेट बैट घुमाया करता था। कबड्डी का तो नामो-निशान नहीं था — जब तक कि एक दोपहर ने सब कुछ बदल नहीं दिया।

वो लड़का था नितेश कुमार, जो आज प्रो कबड्डी लीग के सबसे प्रतिभाशाली डिफेंसिव खिलाड़ियों में गिने जाते हैं और तमिल थलाइवाज़ के उभरते सितारे हैं।

“मैं करीब 13 साल का था, वजन 40 किलो के आस-पास रहा होगा, और बस दोस्तों के साथ कबड्डी मैदान में चला गया,” नितेश ने ‘राइज़ ऑफ ए स्टार’ में याद करते हुए कहा। “मैं अपनी पहली मैच हार गया — स्कोर तक याद नहीं। लेकिन कुछ तो था उस दिन में। मुझे लग गया था — यही करना है।”

इसके बाद का सफर आसान नहीं था। लेकिन परिवार और कोच रमेश कुमार — जो पास के गाँव से थे, सख्त अनुशासन वाले और हरियाणा पुलिस में कार्यरत — के समर्थन से नितेश ने कबड्डी को गंभीरता से लेना शुरू किया।

स्थानीय टूर्नामेंट्स में खेलते हुए उन्होंने अपने डिफेंसिव स्किल्स को तराशा, अक्सर सीनियर खिलाड़ियों को देखकर तकनीक सीखी।

उनका बड़ा ब्रेक हरियाणा के महेन्द्रगढ़ में आया, जहां उनके प्रदर्शन ने प्रो कबड्डी लीग के स्काउट्स का ध्यान खींचा। “मैं सिर्फ 17 या 18 का था जब कॉल आया,” नितेश ने कहा। “यहां तक कि परिवार को भी यकीन नहीं हुआ। बोले, ‘इतनी छोटी उम्र में सिलेक्शन कैसे हो गया?’”

स्थानीय टूर्नामेंट्स से प्रो कबड्डी लीग की चमक-धमक तक पहुंचना एकदम नया अनुभव था। नितेश ने डबंग दिल्ली के खिलाफ अहमदाबाद के एक भरे हुए स्टेडियम में डेब्यू किया

और उन्हें याद है कि जब उन्हें सब्स्टीट्यूट करके मैदान में भेजा गया, उसी वक्त नवीन कुमार रेड के लिए आए। “भीड़, लाइट्स — सब सपना जैसा लग रहा था। लेकिन जब मैंने ‘नवीन एक्सप्रेस’ को पकड़ लिया, तो सारी घबराहट गायब हो गई। लगा कि मैं यहीं का हूं।”

हालांकि अपने डेब्यू सीज़न में नितेश ज्यादातर समय बेंच पर रहे, लेकिन उन्होंने सीज़न 11 से पहले ट्रेनिंग पर और मेहनत की। मेहनत रंग लाई। न सिर्फ उन्होंने तमिल थलाइवाज़ की स्टार्टिंग सेवन में जगह बनाई, बल्कि सीज़न के सबसे बेहतरीन डिफेंडर्स में से एक बनकर उभरे।

पुणेरी पलटन के खिलाफ उनका परफॉर्मेंस सबसे खास रहा, जहां उन्होंने हाई 5 पूरा कर PKL 10 चैंपियन्स को हराया। “वो मैच मेरे लिए बहुत खास था। दबाव, माहौल — सबने मुझे बेस्ट परफॉर्म करने पर मजबूर कर दिया,” उन्होंने कहा।

हालांकि नितेश का प्रदर्शन शानदार रहा, लेकिन तमिल थलाइवाज़ प्लेऑफ में जगह नहीं बना सकी। “पूरी टीम निराश थी। लेकिन कोच ने याद दिलाया कि हार-जीत तो खेल का हिस्सा है। अहम ये है कि हम वापसी कैसे करते हैं,” नितेश कहते हैं। “सीज़न 12 हमारी वापसी का मौका है।”

आज, नितेश कुमार सिर्फ एक उभरता हुआ सितारा नहीं हैं, बल्कि इस बात की मिसाल हैं कि कैसे कच्ची प्रतिभा, मेहनत और सही मार्गदर्शन किसी को भी ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है।

“PKL ने मेरी जिंदगी बदल दी — आर्थिक रूप से, मानसिक रूप से, हर तरह से। जो लोग मुझे नहीं जानते थे, अब तमिलनाडु में मेरे साथ फोटो खिंचवाते हैं,” उन्होंने गर्व से कहा।

जैसे-जैसे नया सीज़न नज़दीक आ रहा है, तमिल थलाइवाज़ और उनके फैंस को नितेश से फिर वही उम्मीदें हैं — कि वह अपनी डिफेंस की ताकत से टीम की रीढ़ बनेंगे। क्योंकि नितेश कुमार के लिए ये सफर अभी शुरू ही हुआ है।

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