मन बनाम बर्पीज़: मन शर्मा रचेंगे इतिहास – दुनिया का पहला ‘बर्पी मैराथन’ प्रयास

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नई दिल्ली: भारतीय एथलीट मन शर्मा इतिहास रचने जा रहे हैं अपने अनोखे अभियान मन बनाम बर्पीज़ के साथ—दुनिया का पहला बर्पी मैराथन पूरा करने का प्रयास।

यह चुनौती 6 से 15 अक्टूबर, 2025 के बीच नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू (जेएलएन) स्टेडियम में आयोजित होगी, जहां मन 42.195 किलोमीटर की पूर्ण मैराथन दूरी सिर्फ बर्पी ब्रॉड जंप्स के जरिए पूरी करने का प्रयास करेंगे।

यह आधिकारिक वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स प्रयास शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक दृढ़ता की सीमाओं को परखने के साथ-साथ द वन फ्रेंड एनजीओ के लिए जागरूकता और धन जुटाने का माध्यम भी होगा, जो भारतभर में वंचित बच्चों को शिक्षा और अवसर उपलब्ध कराता है।

इस आयोजन को भारतीयखेल प्राधिकरण (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से मान्यता प्राप्त है और इसे क्वेश्चन एसोसिएट्स द्वारा फिट इंडिया के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। यह चुनौती बेहद कठिन है क्योंकि बर्पी ब्रॉड जंप्स का वर्तमान विश्व रिकॉर्ड महज़ 5.1 किलोमीटर का है।

मन का प्रयास इसे लगभग आठ गुना बढ़ाकर नई ऊँचाई तक ले जाएगा, जिसके लिए उन्हें 400 मीटर ट्रैक के 106 चक्कर लगाने होंगे और आठ दिनों तक वहीं रहना होगा। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने इसे अब तक के सबसे महत्वाकांक्षी सहनशक्ति अभियानों में से एक बताया है।

भारत सरकार के युवा कार्य और खेल मंत्री, डॉ. मनसुख एल. मांडविया ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “मन शर्मा भारतीय युवाओं की सच्ची भावना का प्रतीक हैं—दृढ़, निडर और उद्देश्यपूर्ण।

इतनी असाधारण चुनौती को अपनाने का उनका साहस न केवल उनकी अपनी ताकत का प्रमाण है, बल्कि पूरे देश के लाखों युवाओं को अपनी सीमाओं से परे जाने की प्रेरणा देता है। सहनशक्ति को करुणा के साथ जोड़कर, वह यह साबित कर रहे हैं कि खेल सामाजिक परिवर्तन का एक शक्तिशाली माध्यम हो सकता है।

उनका यह प्रयास वंचित बच्चों की शिक्षा के महत्व को उजागर करेगा और ज़रूरतमंदों को नई उम्मीद देगा। मैं दिल से उन्हें इस ऐतिहासिक अभियान के लिए शुभकामनाएँ देता हूँ और मानता हूँ कि देश उनके हर कदम पर उनका हौसला बढ़ाएगा।”

घोषणा पर बोलते हुए मन शर्मा ने कहा, “मैं अपने प्रयासों के ज़रिए बदलाव लाने में विश्वास करता हूँ और मेरी हर चुनौती सिर्फ व्यक्तिगत सीमाओं से आगे बढ़ने की नहीं होती, बल्कि यह उम्मीद जगाने और बच्चों को यह दिखाने के लिए होती है कि कोई सपना असंभव नहीं और कोई चुनौती इतनी बड़ी नहीं कि उसे पार न किया जा सके।

मन बनाम बर्पीज़ सिर्फ मेरी सहनशक्ति की परीक्षा नहीं है, बल्कि यह प्रतीक है कि जब हम हार नहीं मानते, तो असंभव को भी संभव बना सकते हैं। मेरी हर बर्पी उन बच्चों के भविष्य के लिए है जो शिक्षा, अवसर और खुद पर विश्वास के हकदार हैं।

मैं माननीय खेल मंत्री और फिट इंडिया का आभारी हूँ, जिन्होंने इस पहल को सहयोग और समर्थन दिया, क्योंकि यह केवल एक वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रयास नहीं है,

बल्कि एक ऐसा आंदोलन है जो लाखों को प्रेरित करेगा और अगली पीढ़ी को सशक्त बनाएगा।” वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के राष्ट्रीय सचिव, अभिषेक कौशिक ने कहा, “यह अब तक की सबसे महत्वाकांक्षी सहनशक्ति चुनौतियों में से एक है।

बर्पी ब्रॉड जंप्स के ज़रिए पूरी मैराथन दूरी तय करने का प्रयास असाधारण है और यदि पूरा हुआ, तो यह मानव सहनशक्ति के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।”

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मन शर्मा की यात्रा यूरोप के फुटबॉल मैदानों से शुरू हुई, जहाँ उन्होंने इटली की पाओलो रॉसी अकादमी और स्पेन के रियल मैड्रिड फाउंडेशन कैंप जैसी प्रतिष्ठित अकादमियों में प्रशिक्षण लिया और एटलेटिको मैड्रिड और गेटाफ़े की युवा टीमों के खिलाफ़ भी प्रतिस्पर्धा की।

लेकिन चोटों और महामारी ने उनके फुटबॉल करियर को अचानक रोक दिया। हार मानने के बजाय शर्मा ने खुद को चरम सहनशक्ति के ज़रिए नया रूप दिया।

तब से लेकर अब तक, उन्होंने 100 किलोमीटर दौड़ 24 घंटों में पूरी कर 600 बेघर लोगों की मदद की, 29 घंटे लगातार बर्पीज़ कर बच्चों की शिक्षा का समर्थन किया,

दिल्ली से ताजमहल तक 205 किलोमीटर की पैदल यात्रा बच्चों के सपनों को लेकर पूरी की, और बाली की तीन सबसे ऊँची चोटियों को लगातार फतह कर आत्महत्या रोकथाम के लिए 1 लाख डॉलर जुटाए।

उनकी हर चुनौती ने यह दिखाया है कि व्यक्तिगत संघर्ष को उद्देश्य में बदलकर, सहनशक्ति को प्रभाव के औज़ार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

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