लगभग 8 करोड़ रोगियों के साथ भारत में डायबिटीज महामारी बनने की कगार पर

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लखनऊ। अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल लखनऊ द्वारा वर्ल्ड डायबिटीज डे के अवसर पर “वॉकथॉन – आओ चलें मधुमेह से लड़ें” का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य समाज में डायबिटीज के प्रति समाज मे जागरूकता लाना और एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का संदेश देना था।

वॉकथान में अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर्स, पैरामेडिक्स स्टाफ व विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने भाग लिया। वॉकथान की शुरुआत अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल से हुई और दो किलोमीटर की पदयात्रा के बाद अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल पर ही खत्म हुई।

अपोलोमेडिक्स ने किया “वॉकथॉन – आओ चलें मधुमेह से लड़ें” का आयोजन

इस अवसर पर डायबिटीज के प्रभावकारी इलाज में पिछले एक दशक से भी अधिक का अनुभव रखने वाले डॉ मयंक सोमानी, चीफ कंसलटेंट एंडोक्रिनोलॉजी एंड डायबिटीज,अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी, ने कहा, “भारत मे मौजूदा लगभग आठ करोड़ रोगियों के साथ डायबिटीज एक महामारी का रूप लेने की स्थिति में पहुंच चुका है।

भारत मे डायबिटीज कई कारणों से होता है, जिनमें जेनेटिक व पर्यावरणीय कारण भी शामिल हैं, जैसे कि मोटापा, बढ़ता जीवन स्तर, शहरों की तरफ लगातार होने वाला विस्थापन और जीवनशैली में बदलाव आदि कारण शामिल हैं।

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डायबिटीज के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर शिक्षा अभियान और डायबिटीज से प्रभावित आबादी को शिक्षित करने के लिए एक समर्पित टीम की तत्काल आवश्यकता है, ताकि भारत में डायबिटीज के कारण होने वाले रोग के बोझ को कम किया जा सके।”

उन्होंने बताया, “डायबिटीज से होने वाले स्वास्थ्य और वित्तीय हानि के बारे में जागरूकता के लिए इंटरनेशनल डायबिटीज फाउंडेशन डब्लूएचओ के सहयोग से प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे के रूप में मनाता है।”

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