लखनऊ। सावन के अंतिम सोमवार पर चौक कोतवाली स्थिति कोतवालेश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई। कोतवालेश्वर महादेव मंदिर के महंत विशाल गौंड ने बताया कि महादेव का विशेष श्रृंगार किया गया।
सावन के अंतिम सोमवार पर ब्रहा योग, इंद्र योग, रवि योग, सर्वार्थसिद्घि योग और गुरु शुक्र की युति से गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण होने से इसका विशेष महत्व रहा। श्री कोतवालेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों का आना शुरु हो गया है।
सावन के अंतिम सोमवार को श्री कोतवालेश्वर महादेव मंदिर में हुई विशेष पूजा अर्चना
महादेव मंदिर में शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, घी, दही, चीनी, मिश्री, शहद और बेलपत्र से अभिषेक भक्तों द्वारा किया गया। महंत ने बताया कि शिवलिंग पर इन वस्तु से अभिषेक करते है तो इससे कई तरह के लाभ भी आपको मिलते हैं। महंत ने बताया शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय मंत्र ऊं नम: शिवाय का जप भक्तों ने किया।
हिंदू धर्म में इस मंत्र का विशेष महत्व है, और माना जाता है कि इसमें भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने की शक्ति है। ऊं नम: शिवाय मंत्र पाँच अक्षरों से बना है।
महंत विशाल गौंड ने बताया कि सावन के अंतिम सोमवार को सुबह से भारी वर्षा में भी भक्तों का मंदिर में अभिषेक के लिए आना कम नहीं हुआ।
भक्तों ने पूरे उत्साह से पूजा अर्चना की और प्रसाद ग्रहण किया। सोमवार सावन का महत्वपूर्ण दिन होता हैं क्योंकि ये भगवान शिव को समर्पित होते हैं। आध्यात्मिक महत्व के अलावा, इस महीने में उपवास का ऋतु परिवर्तन से भी संबंध है।
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