लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अपने प्रशासनिक अनुभवों के आधार पर संयुक्त अरब अमीरात (दुबई) में फंसे उत्तर प्रदेश के नागरिकों की मदद की है।
उन्होंने यूएई में फंसे प्रदेश के मऊ एवं कानपुर देहात के 2 नागरिकों की त्वरित सहायता करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से सम्पर्क कर उनकी सुरक्षा और शीघ्र प्रत्यर्पण के लिए आग्रह किया।
मंत्री शर्मा ने काउसलेट जनरल सतीश सिवान से समस्या को लेकर की स्वयं वार्ता
तत्पश्चात प्रधानमंत्री के आदेश पर उनके कार्यालय द्वारा संयुक्त अरब अमीरात स्थित भारतीय काउंसलेट को निर्देश दिये गये। इस पर भारतीय काउंसलेट ने वहां फंसे इन भारतीय नागरिकों से तुरंत संपर्क किया और उनसे उस स्थान पर जाकर मुलाकात की। जहां पर उन्हें रखा गया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय की त्वरित कार्यवाही से मऊ और कानपुर में खुशी की लहर
इस त्वरित कार्यवाही से संदिग्ध ट्रेवल एजेंटों के चंगुल में फंसे प्रदेश के नागरिकों को काफी राहत मिली है। जिसकी मऊ और कानपुर जिलों में भूरि-भूरि प्रशंसा हो रही।
एके शर्मा ने बताया कि मऊ जिले के रहने वाले विशाल सिंह पुत्र संजय सिंह और कानपुर देहात ज़िले की सर्वेश कुमारी पत्नी मनोज यादव अच्छे और बेहतर जीवन की तलाश में दुबई गए। लेकिन उनके एजेंटों वं संभावित नियोक्ता द्वारा धोखा दिया गया।
इतना ही नहीं उनके नियोक्ता ने भारतीय नागरिकों पर दबाव डालकर उनसे ऋण के कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिए और उनके नाम पर स्वयं ऋण प्राप्त कर लिया।
धोखाधड़ी से बचने के लिए संदिग्ध एजेंटों को न दें व्यक्तिगत जानकारी और दस्तावेज
इस कारण यह लोग दुबई में कानूनी एवं आर्थिक मामलों के केस में फंस गए और उनको कोई नौकरी भी नहीं मिली। ऋण न चुका पाने के कारण उनके दुबई छोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। अतः वह भारत वापस भी नहीं आ सकते थे।
उन्होंने बताया कि अब से कुछ दिन पहले मऊ निवासी विशाल के पिताजी ने मुझसे इस विषय में संपर्क किया। उन्होंने बताया कि दुबई में उनके बेटे और एक महिला का जीवन संकट में है। इस समस्या को लेकर मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क करके उनसे इस मामले में सहायता करने का आग्रह किया।
एके शर्मा ने बताया कि भारतीय काउंसलेट ने इन भारतीय नागरिकों को अपने एजेंट एवं नियोक्ता के विरुद्ध पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने में भी सहायता की।
भारतीय काउंसलेट ने इस मामले को विदेशी मामलों के मंत्रालय, दुबई, के समक्ष भी रखा है और इस संबंध में उनके सामने औपचारिक निवेदन भी प्रस्तुत किया है।
निवेदन में दुबई के विदेश मंत्रालय से आग्रह किया गया है कि स्थानीय पुलिस को उपरोक्त एजेंट एवं नियोक्ता के विरुद्ध उचित क़ानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दें और विशाल सिंह एवं सर्वेश कुमारी के शीघ्र प्रत्यर्पण के लिये भी सहायता करें।
एके शर्मा ने बताया कि इस संबंध में मैंने काउंसलेट जनरल सतीश सिवान से स्वयं सीधे वार्ता भी की। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि वह विशाल सिंह और सर्वेश कुमारी की हर संभव सहायता करेंगे। साथ ही काउंसलेट इस मामले में विदेश मंत्रालय, दुबई, एवं स्थानीय पुलिस के समक्ष जोरदार पैरवी भी करते रहेंगे।
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उन्होंने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात के भारतीय काउंसलेट ने संदिग्ध एजेटों की ठगी से बचने के लिए भारतीय नागरिकों से आग्रह किया है कि वह किसी एजेंट को अपनी व्यक्तिगत जानकारी अथवा व्यक्तिगत दस्तावेज न दें और किसी ऋण के कागजात अथवा क्रेडिट कार्ड आदि के आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर भी न करें।
काउसिल जनरल ने यह भी सलाह दी है कि संयुक्त अरब अमीरात में नौकरी करने के इच्छुक भारतीय नागरिकों को सिर्फ ऐसे अधिकृत और रजिस्टर्ड एजेटों के माध्यम से ही नौकरी प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए जो कि ई-माइग्रेट व्यवस्था में पंजीकृत हों।