परमवीर कैप्टन मनोज पांडे को सेना का सैल्यूट, शहादत को किया याद

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कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ से पहले भारतीय सेना ने एक भावुक अभियान की शुरुआत की है, जिसमें उन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए देशभर में एक संपर्क कार्यक्रम चलाया है।

इस कार्यक्रम के तहत सेना के प्रतिनिधि कारगिल के वीरों के गृह नगरों का दौरा कर रहे हैं, उनके परिवारों से मिल रहे हैं और व्यक्तिगत रूप से श्रद्धांजलि दे रहे हैं। ये दौरे भारतीय सेना की ओर से शहीदों और उनके परिवारों द्वारा दिए गए बलिदानों के प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान को पुनः पुष्टि करते हैं।

सेना के प्रतिनिधियों ने परमवीर चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित कैप्टन मनोज पांडे के लखनऊ स्थित परिवार से मुलाकात की। कैप्टन मनोज कुमार पांडे, एक 24 वर्षीय युवा सेना अधिकारी, आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं।

उन्होंने खलुबर टॉप को पुनः प्राप्त करने के लिए गोलियों से घायल होने के बावजूद आगे बढ़कर हमले का नेतृत्व किया और अंतिम सांस तक लड़ते रहे।

कठिन भू-भाग और मौसम की विषम परिस्थितियों में उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की जो दृढ़ता, संकल्प और प्रेरणा दिखाई, वह बेजोड़ है। कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने उस क्षेत्र में हमारी विजय का मार्ग प्रशस्त किया।

उनके परिवारजनों ने गर्व और भावुकता से कहा, “उनकी यादें हमारे साथ हर दिन रहती हैं। लेकिन सेना की यह मुलाकात हमें यह महसूस कराती है कि देश आज भी हमारे साथ खड़ा है और उनके बलिदान को नहीं भूला है।”

राष्ट्र सदैव वीर कैप्टन मनोज कुमार पांडे परम वीर चक्र (मरणोपरांत) को एक नायक और अतुलनीय सैन्य नेतृत्वकर्ता के रूप में याद रखेगा।

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