कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में लोगों को जलाकर किए गए नरसंहार केे मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार से मामले में 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है।
इसके साथ ही हाई कोर्ट में ये भी आदेश दिया कि ममता सरकार मौके पर सबूतों का सरंक्षण करे और उन्हें नष्ट नहीं होने दे। इस मामले में आठ लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी जिसके बाद राज्यपाल ने भी सख्ती की तो बीजेपी ने भी राज्य सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है।
इस घटना में सोमवार रात पश्चिम बंगाल के बीरभूम में टीएमसी के एक नेता की हत्या के बाद भयंकर हिंसा हुई थी। यहां टीएमसी के कार्यकर्ताओं की कथित भीड़ ने 10-12 घरों के दरवाजे बंद करके आग लगा दी थी जिसमें एक ही घर से 7 लोगों के शव निकले है।
इस मामले में बुधवार को दायर जनहित याचिका पर सुनवाई में कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से एक टीम आगजनी की घटना के दृश्य से नमूने इकठ्ठा करने भेजी जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने रामपुरहाट इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी निर्देंश दिया है।
इसी बीच पश्चिम बंगाल के 9 बीजेपी सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर बीरभूम हत्याकांड के मामले में दोषियों के खिलाफ हस्तक्षेप और कार्रवाई की मांग की है। केंद्र सरकार ने इस पर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना के मामले में 72 घंटे में रिपोर्ट तलब की है।