सीडीएस अनिल चौहान ने पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य टकराव में विमान के नुकसान की बात स्वीकार की, लेकिन छह भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने के इस्लामाबाद के दावे को बिल्कुल गलत बताया।
एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि यह पता लगाना अधिक महत्वपूर्ण है कि विमान का नुकसान क्यों हुआ, ताकि भारतीय सेना रणनीति में सुधार कर सके और फिर से जवाबी हमला कर सके।
उन्होंने यह बताने से इन्कार कर दिया कि भारत ने कितने विमान खोए, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से इस तथ्य की ओर इशारा किया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तानी क्षेत्र में काफी अंदर तक सटीक हमले किए। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि लड़ाकू विमान का गिरना महत्वपूर्ण बात नहीं है, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि वे क्यों गिरे।
जनरल चौहान की टिप्पणी पड़ोसी देश के साथ चार दिनों तक चले संघर्ष में हुए नुकसान की भारतीय सेना की पहली स्पष्ट स्वीकारोक्ति है। जनरल चौहान शांगरी-ला डायलॉग में भाग लेने के लिए इस समय सिंगापुर में हैं।
जनरल चौहान से पूछा गया कि क्या सैन्य टकराव के दौरान भारत ने लड़ाकू विमान गंवाए थे। उन्होंने कहा, अच्छी बात यह है कि हम अपनी सामरिक गलतियों को समझ पाए, उन्हें सुधारा और दो दिन बाद फिर से लागू किया। हमने अपने सभी लड़ाकू विमानों को फिर से लंबी दूरी पर लक्ष्य करके उड़ाया।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान छह भारतीय विमानों को मार गिराने के पाकिस्तान के दावे के बारे में पूछे जाने पर जनरल चौहान ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है। रॉयटर्स के अनुसार, जनरल चौहान ने कहा कि सात तारीख को शुरुआती दौर में हमें कुछ नुकसान हुआ। यहां संख्या महत्वपूर्ण नहीं है।
उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि ये नुकसान क्यों हुए और उसके बाद हमने क्या किया। हमने रणनीति में सुधार किया और फिर सात,
आठ और 10 तारीख को बड़े पैमाने पर पाकिस्तान के अंदर स्थित हवाई ठिकानों पर हमला किया, बिना किसी रोक-टोक के उनकी सभी हवाई सुरक्षा को भेदा और सटीक हमले किए। वायु सेना ने 10 तारीख को सभी प्रकार के आयुधों के साथ सभी प्रकार के विमान उड़ाए।
भारतीय वायु सेना के वायु संचालन महानिदेशक एयर मार्शल एके भारती ने स्वीकार किया था कि नुकसान लड़ाई का एक हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा था कि भारतीय वायु सेना के सभी पायलट सुरक्षित घर लौट आए हैं।
एयर मार्शल भारती ने 11 मई को प्रेस वार्ता में यह टिप्पणी की थी, जब उनसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को विमानों के नुकसान के बारे में पूछा गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वदेशी हथियारों के उपयोग पर प्रकाश डालते हुए जनरल चौहान ने कहा कि भारत ने विदेशी विक्रेताओं पर निर्भर हुए बिना वायु रक्षा के लिए अपना स्वयं का नेटवर्किंग बुनियादी ढांचा बनाया है। पूरे भारत में एक सुसंगत नेटवर्क के तहत कई स्त्रोतों से रडार का एकीकरण किया है।
उन्होंने सभी पक्षों के लिए वाणिज्यिक उपग्रह तस्वीरों की उपलब्धता को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने संभवत: चीनी स्त्रोतों का लाभ उठाया। हालांकि, रियल टाइम मदद का कोई निश्चित प्रमाण नहीं है। दूसरी तरफ भारत ने आकाश जैसी अपनी स्वदेशी प्रणालियों पर भरोसा किया।
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