लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ आने से पूर्व मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। यहां अलग-अलग खेलों के प्रशक्षिण के साथ-साथ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता के लिए लेआउट भी बदल दिया है।
मुख्यमंत्री ने इस विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों को समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से मानकों के अनुसार पूर्ण कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इसकी डिजाइन एवं निर्माण कार्य में विभिन्न तकनीकी संस्थाओं का सहयोग लिया जाये।
मुख्यमंत्री ने लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री के समक्ष खेल विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों के सम्बन्ध में एक लेआउट का प्रस्तुतिकरण किया गया।
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उन्होंने कहा कि खेल विश्वविद्यालय की डिजाइन उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और सम्पदा से प्रेरित हो तथा इनमें प्रदेश की कलाए संस्कृति और वास्तु विशेषताओं का समावेश किया जाये।
इस खेल विश्वविद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं का विकास किया जाये तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं के दृष्टिगत निर्माण कार्यों को सम्पादित किया जाये। यह एक आईकॉनिक प्रोजेक्ट है।
सरधना के सलावा में 700 करोड़ की लागत से 36.98 हेक्टेयर में बनने वाले प्रदेश के पहले मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की डीपीआर फाइनल हो गई है। इस विश्वविद्यालय में सभी तरह के ओलम्पिक खेलों जैसे-हॉकी, वॉलीबॉल, ट्रैक एण्ड फील्ड, सूटिंग रेंज, जैवलिन थ्रो, भारोत्तोलन आदि की अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
साथ ही भारत के पारम्परिक खेल जैसे मलखम्भ, खो-खो आदि जैसे खेलों के प्रोत्साहन के लिए भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। अत्याधुनिक टर्फ मैदानों के साथ ओलम्पिक साइज स्वीमिंग पूल, साइकिलिंग ट्रैक के साथ ही विश्वविद्यालय में प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन, छात्रों के हॉस्टल एवं प्राध्यापकों व कर्मचारियों के आवास भी निर्मित किये जायेंगे।
इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त प्रशान्त त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव खेलकूद कल्पना अवस्थी, खेल निदेशक आरपी सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।