लखनऊ। सिटी मांटेसरी स्कूल आगामी 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस परेड में प्रदर्शित होने वाली अपनी अद्भुत झाँकी के माध्यम से ‘विश्व एकता एवं वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश जनमानस को देने जा रहा है।
‘विश्व एकता लाना है, वसुधा कुटुम्ब बनाना है’ विषय पर आधारित सीएमएस की यह प्रेरणादायी झाँकी जनमानस को देश के प्राचीन साँस्कृतिक दर्शन व भारतीय संविधान में समाहित ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना से तो अवगत करायेगी ही, साथ ही एकता, शान्ति, सद्भाव व सौहार्द पर आधारित विश्व व्यवस्था का आह्वान भी करेगी।
यह जानकारी सीएमएस के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने दी है। शर्मा ने बताया कि सीएमएस की यह झाँकी समस्त जनमानस को अनेकता में एकता, सर्वधर्म समभाव एवं विद्यालय को समाज का प्रकाश स्तम्भ के रूप में प्रदर्शित कर उच्च जीवन मूल्यों का अनुसरण करने की प्रेरणा देगी।
शर्मा ने बताया कि सीएमएस की झाँकी पाँच भागों में हैं और सभी भाग एक अनूठे ढंग से विश्व एकता का संदेश दे रहे हैं। झाँकी के प्रथम भाग में एक बच्चा ग्लोब उठाये हुए सारे विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दे रहा है
जबकि द्वितीय भाग में अनेकता में एकता की भावना का प्रदर्शन करते हुए एक ही छत के नीचे मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरूद्वारा, बौद्ध विहार, बहाई मन्दिर आदि विभिन्न पूजा स्थल दिखाये गये हैं, जो यह दिखाता है कि सभी
धर्मों का स्रोत एक ही परमपिता परमात्मा है।
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यहीं पर सीएमएस छात्र झाँकी गीता ‘विश्व एकता लाना है, वसुधा कुटुम्ब बनाना है’ पर नृत्य प्रस्तुत कर रहें है। झाँकी के तृतीय भाग में एक विद्यालय दिखाया गया है जहाँ बच्चे विभिन्न धर्मग्रंथों के माध्यम से हृदयों की एकता का संदेश प्रसारित कर रहे हैं। झाँकी का चौथे भाग में स्कूल को समाज के प्रकाश स्तम्भ के रूप में दर्शाया गया है।
विद्यालय यदि समाज को प्रकाश केन्द्र नहीं बनेगा तो समाज का उत्थान व विकास संभव नहीं होगा। झाँकी के अंतिम भाग में शिक्षक बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हुए दर्शाये गये हैं। झाँकी का यह भाग संदेश दे रहा है कि शिक्षक भावी पीढ़ी के चरित्र निर्माता, नैतिकता के संवाहक और संस्कृति के रक्षक होते हैं।
शर्मा ने बताया कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी 2024 को निकाली जाने वाली यह झाँकी सम्पूर्ण विश्वसमाज को समर्पित है और दुनिया को स्वर्ग बनाने के लिए प्रेम और प्यार से रहने के लिए प्रेरित कर रही है। झाँकी का निर्माण बड़े जोर-शोर से जारी है, जिसमें लगभग 100 कारपेन्टर, आर्टिस्ट, इंजीनियर व अन्य कार्यकर्ता दिन-रात लगे हुए हैं।