लखनऊ में विकास कार्यों के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिए ये निर्देश

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लखनऊ। लखनऊ से सांसद एवं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन शनिवार को इंदिरा नगर सेक्टर 25 में खुर्रम नगर और पॉलिटेक्निक चौराहे पर बन रहे मुंशी पुलिया ओवर ब्रिज की कार्य प्रगति का निरीक्षण किया।

इसके उपरांत गोमती नगर में बन रहे उच्च स्तरीय रेलवे स्टेशन के विकास कार्यों का मुआयना किया। रक्षा मंत्री ने द्वारा दोनो फ्लाईओवर का निर्माण माह दिसम्बर / जनवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिये।

चालू यातायात के सुगम संचालन हेतु 2.6 किमी लम्बाई व 269.81 करोड की लागत से खुरर्मनगर चौराहे पर फ्लाईओवर का तथा 1.86 किमी की लम्बाई व 170. 60 करोड की लागत से मुंशीपुलिया फ्लाईओवर का निर्माण युद्ध स्तर पर चल रहा है।

निरीक्षण के समय मौजूद ठेकेदार एवं कन्सलटेंट द्वारा अवगत कराया गया कि निर्माण माह जनवरी तक पूर्ण कर दिया जायेगा।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि इंजीनियरिंग कालेज चौराहे पर भी फ्लाईओवर निर्माण कि परियोजना सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वार्षिक कार्ययोजना में अनुमोदित हो गयी है।

एवं परियोजना कि वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति माह नवम्बर तक प्राप्त हो जायेगी, जिसके उपरान्त लगभग 18 माह में निर्माण पूर्ण करना लक्षित है।

इन परियोजनाओं के निर्माण के फलस्वरूप मंडियाव से हाईकोर्ट तक की 10.200 किमी यात्रा लाखो वाहनो द्वारा सुगमता से मात्र 10 मिनट में पूर्ण की जा सकेगी, जिससे इस पूरे क्षेत्र के समग्र विकास को गति मिलेगी।

गोमती नगर रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि मैंने इच्छा व्यक्त की थी कि जिन परियोजनाओं का कार्य लखनऊ महानगर में चल रहा है प्रत्यक्ष में मैं उनको देखना चाहूंगा और इसीलिए यहां के विकास कार्य देखने के लिए अभी मैं यहां पर आया हूं।

मैं कह सकता हूं कि गोमती नगर रेलवे स्टेशन पर जिस तरह से कार्य चल रहा है मैं संतुष्ट हूं दिसंबर तक पूरा हो जाएगा और जो कार्य शेष रहेगा वह चलता रहेगा जो सुविधा यहां पर दी जा रही है।

ट्रेन आने में यदि देर है समय ज्यादा लगता है तो आप रेलवे स्टेशन जाकर एयर कंडीशन व्यवस्था में जाकर आराम से इंतजार कर सकते हैं और खाने-पीने की व्यवस्था भी रहेगी। कमर्शियल कंपलेक्स का भी निर्माण कार्य चल रहा है वह भी संतोषजनक स्थिति में है।

लखनऊ के अन्य कार्यों के बारे में मुझे बताने की आवश्यकता नहीं है आप सभी जानते हैं 11 या 12 फ्लाईओवर बन चुके हैं और 11 और स्वीकृत है जिन पर काम होना बाकी है और इसके अतिरिक्त सारी परियोजनाओं की चर्चा करूंगा तो बहुत समय लगेगा।

ब्रह्मोस् मिसाइल का कार्य भी तेजी से चल रहा है और फरवरी मार्च के बाद लखनऊ की धरती पर मिसाइल बनने का कार्य भी आरंभ हो जाएगा। डीआरडीओ का कार्य भी जल्द पूरा होगा और जिसके कारण लखनऊ वासियों को उसका लाभ मिलेगा।

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वहीं शहीद पथ 17 किलोमीटर रोड के ऊपर एलिवेटेड रोड बनेगी। अवध चौराहे पर जाम मुक्ति के लिए अंडरग्राउंड निर्माण कार्य के लिए सर्वेक्षण चल रहा है पहले की तुलना में लखनऊ वासियों को भी कुछ बदला-बदला नजर आ रहा होगा और  धीरे-धीरे 2/3 साल में और निखारा हुआ लखनऊ लोगो को नजर आएगा।

रेलवे के सभी कर्मचारी इसके लिए बधाई के पात्र हैं। वहीं उपस्थित रेलवे के अधिकारियों ने अन्य जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने तत्कालीन रेलमंत्री सदानन्द गौड़ा को इस सम्बन्ध में पत्र लिखा था जिस पर भारत सरकार द्वारा विश्व स्तरीय रेलवे टर्मिनस का निर्माण यहाँ स्वीकृत किया गया था।

इस परियोजना के प्रथम फेज की लागत 360 करोड़ बताई गयी थी। इसमें स्टेशन बिल्डिंग नार्थ टर्मिनल स्टेशन बिल्डिंग साउथ टर्मिनल एवं कामर्शियल काम्पलेक्स का निर्माण तेजी से प्रगति पर है। यह पूर्णतः वातानुकूलित बिल्डिंग होगी जो विश्वस्तरीय आर्किटेक्चर की होगी। यात्रियों के बैठने की व्यवस्था, लॉन्ज और अन्य सविधाएँ होंगी।

लिफ्ट एस्केलेटर, द्वितीय तल पर फूड कोल्ट तथा दुकानों का प्राविधान है। नार्थ स्टेशन बिल्डिंग, कामर्शियल काम्पलेक्स तथा फ्लाईओवर निर्माण का कार्य 15 दिसम्बर तक पूर्ण हो जायेगा। बैगेज स्कैनर, सीसी.टी.वी. कैमरे की व्यवस्था, द्वितीय प्रवेश द्वार पर स्टशन बिल्डिंग का कार्य अप्रैल / मई 2024 तक पूर्ण होने की सम्भावना है।

द्वितीय फेज में बिजनेस सेन्टर की परिकल्पना एवं 5 एकड के दो प्लाटों पर सिटी सेंटर एवं व्यवसायिक गतिविधियों के लिए मास्टर प्लानिंग पूर्ण कर ली गयी है और 2 एकड़ के एक प्लाट पर योजना बनाई जा रही है।

सिटी सेंटर की तरह डेवलप किया जा रहा है कि अगले 40 /50 साल में कितने पैसेंजर आएंगे उसके ट्रैफिक को देखते हुए उस स्थिति को ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है। डिपार्चर और अराइवल अलग-अलग डिजाइन किया गया है जिससे आने में और जाने में किसी प्रकार के असुविधा ना हो।

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