लखनऊ। हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस की पूर्व संध्या पर “Doctors and their self-healing mantras” विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी ट्रस्ट के 25/2G सेक्टर-25 इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में हुई।
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता गणों डा.पियाली भट्टाचार्य (बाल रोग विशेषज्ञ, एसजीपीजीआई, लखनऊ), डा.पीके गुप्ता (पूर्व अध्यक्ष, आईएमए, लखनऊ), डा.वेद प्रकाश (विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन, केजीएमयू) ने सहभागिता की व संयोजन सुश्री सेल्वी शारदा (वरिष्ठ पत्रकार) ने किया।
डा.पियाली भट्टाचार्य ने डॉक्टर के जीवन के संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि, जब हम मेडिकल प्रोफेशन में आने के लिए मेहनत करते हैं पैसा खर्च करते हैं और डॉक्टर बन कर शपथ लेते हैं तब हम यह सोच लेते हैं कि अब हमें बिना किसी स्वार्थ के लोगों की सेवा करनी है।
हेल्प यू ट्रस्ट के तत्वावधान में राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस की पूर्व संध्या पर हुई ऑनलाइन संगोष्ठी
मगर हम डॉक्टर हैं भगवान नहीं जब सारे प्रयास करने के बाद किसी को सकारात्मक नतीजे नहीं निकाल पाते तब हमें लोगों की नकारात्मकता का सामना करना पड़ता है। हमें अंदर से दुख होता है तब अपने आप को शांत करने के लिए मैं संगीत का सहारा लेती हूं, मंत्र पढ़ती हूं जिससे मुझे मन की शांति मिलती है।
डा.पीके गुप्ता ने बताया कि आजकल डॉक्टर के ऊपर बहुत प्रेशर होता है नई पीढ़ी को यह समझना चाहिए कि उन्हें डॉक्टर के पेशे में बहुत ज्यादा डेडीकेशन की जरूरत होती है। हर डॉक्टर को शुरुआत में 12 से 18 घंटे काम करना पड़ता है। आज टेक्नोलॉजी इतनी बढ़ गई है कि आज हर प्रोफेशन बदल चुका है।
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डॉक्टर के पेशे में हमें बहुत संभल कर चलना पड़ता है और जब मैं अवसाद या गुस्से में होता हूं तो मुझे बागवानी करना पसंद है। डा.वेद प्रकाश ने बताया कि क्रिटिकल केयर यूनिट में कभी-कभी सारे प्रयासों के बाद भी हम मरीज को बचा नहीं पाते तब हमें अवसाद होता है और इससे निपटने के लिए हमें अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत करना पड़ता है।
संयोजिका सुश्री शैलवी शारदा ने डॉक्टर डे की सभी को बधाई दी। कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल, न्यासी डा.रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्य मुकेश शारदा की विशेष उपस्थिति रही।