लखनऊ। नन्हे मुन्ने बच्चों ने आज मछली और बन्दर की कहानी के साथ खूब मजे लिए। गुरुवार को गोमती नगर के विराम खण्ड स्थित लिटिल मिलेनियम स्कूल परिसर में लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा आयोजित दादी नानी की कहानी-जीतेश की जुबानी कार्यक्रम में बच्चों ने कल्पना की दुनिया में सैर की।
कार्यक्रम की शुरुआत स्टोरीमैन जीतेश श्रीवास्तव ने मनोरंजक खेल और प्रश्नोत्तरी से की। सोनी मछली और बिट्टू बन्दर के हाव भाव के साथ बताया कि मछली पानी में और बन्दर पेड़ पर खुश था। एक दिन बन्दर ने कहा कि मछली रानी तुम पेड़ पर चढ़कर दुनिया के नजारे नहीं देख सकती।
स्टोरीमैन जीतेश ने सुनायी कहानी
मछली उदास रहने लगी किन्तु उसकी सहेली सिम्मी मछली ने कहा कि बन्दर भी तो पानी में नहीं रह सकता। एक दिन बन्दर जिस पेड़ की डाल पर बैठा था वह टूट कर पानी में गिरा और बिट्टू बन्दर उसमें डूब गया। बच्चों ने यह शिक्षा भी ली कि हमें जो भी मिला है उसमें खुश रहना चाहिए और दूसरों को देखकर अपने मन में हीन भावना नहीं लानी चाहिए।
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लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि प्रतिमाह आयोजित होने वाली कहानी श्रृंखला के अन्तर्गत बच्चों को कथा के माध्यम से नैतिक शिक्षा देने का अभियान निरन्तर जारी है। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य ऋचा श्रीवास्तव के साथ रुखसाना, प्राची शुक्ला सहित अन्य मौजूद रहे।