सीमैप में औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती के गुर सीखेंगे प्रदेश के किसान

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​सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप), लखनऊ एवं कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा) कृषि आयुक्तालय, महाराष्ट्र के सहयोग से कृषि किसानों के लिए औषधीय एवं सगंध पौधों के उत्पादन, प्राथमिक प्रसंस्करण व विपणन विषय पर प्रशिक्षित कर जागरूक करने के लिए एक परियोजना चलाई जा रही है।

परियोजना के अंतर्गत 6 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें प्रदेश के लगभग 300 किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस क्रम मे दूसरा कार्यक्रम किसानों को औषधीय एवं सगंध पौधों के उत्पादन, प्राथमिक प्रसंस्करण व विपणन विषय पर प्रशिक्षित करने के लिए सीएसआईआर-सीमैप मे मंगलवार को शुभारंभ किया गया।

​इस कार्यक्रम में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा) कृषि आयुक्तालय, महाराष्ट्र के आठ जिलों से लगभग 43 किसानों ने भाग लिया। पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन सीएसआईआर-सीमैप के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौदान सिंह ने किया।

डॉ. सौदान सिंह ने प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं अपने सम्बोधन मे कहा कि सीएसआईआर-सीमैप पिछले 60 वर्षों से औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती मे किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है, तथा नई-नई कृषि तकनीकी, पौध सामग्री एवं उन्नतशील प्रजातियां किसानों को उपलब्ध करा रहा है।

इसके फलस्वरूप लाखों किसानों को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचा है। किसानों द्वारा संस्थान की विकसित उन्नत प्रजातियों एवं तकनीकों को अपनाकर देश को मेंथा तथा नीबूघास के तेल के उत्पादन मे विश्व मे प्रथम स्थान बनाया है।

हमे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप लोग यहाँ से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने-अपने जिलों के किसानों को औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती प्रति जागरूक करेंगे। इस तरह सभी लोग मिल कर कार्य करेंगे तो दूसरे सगंधीय तेलों जैसे खस, पामारोजा व अन्य सगंधीय तेलों मे आत्मनिर्भरता के साथ निर्यात भी कर सकेंगे ।

उन्होने आगे कहा कि औषधीय एवं सगंध पौधों कि खेती में यदि कोई कठिनाई आती है तो प्रतिभागी सीएसआईआर-सीमैप से बात कर समाधान पा सकते हैं। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा), महाराष्ट्र के कृषि अधिकारी अतुल सिरसागर ने विभाग द्वारा चलाई जा रही परियोजनाओं व गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

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​उदघाटन सत्र मे डॉ. संजय कुमार और डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। ​प्रशिक्षण कार्यक्रम के तकनीकी सत्र मे डॉ. राम सुरेश शर्मा ने तुलसी के उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीकियों को प्रतिभागियों से साझा की। तत्पश्चात डॉ. ऋषिकेश ने कालमेघ के उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाओं को प्रतिभागियों से साझा की।

डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव ने गुलाब के उन्नत कृषि क्रियाओं के बारे में जानकारी दी। पामारोजा की उन्नत खेती के बारें में दीपक कुमार वर्मा ने प्रतिभागियों को जानकारी साझा की। डॉ. ऋषिकेश भिसे ने सीएसआईआर-सीमैप की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रतिभागियों से साझा की।

प्रक्षेत्र भ्रमण पर वर्मीखाद के विषय पर डॉ. रक्षपाल सिंह द्वारा जानकारी दी गई। ​इस अवसर पर सीएसआईआर-सीमैप के विभिन्न वैज्ञानिक, तकनीकी अधिकारी व शोधार्थी आदि उपस्थित रहे। डॉ. ऋषिकेश एन भिसे ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया तथा डॉ. राम शुरेश शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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