लखनऊ। कई इंटरनेशनल प्लेयर्स के अलावा ओलंपियन देने वाला बनारस अब हॉकी का नया गढ़ बनता हुआ नजर आ रहा है। कहते हैं कामयाबी किसी की मोहताज नहीं होती इसी कड़ी को आगे बढ़ाया है, वाराणसी के सामर्थ्य प्रजापति और उनके भाई ने।
वाराणसी के सामर्थ्य प्रजापति और उनके भाई अपने घर के पास स्थित विवेक सिंह हॉकी अकादमी में टहलने जाते थे लेकिन वहां खिलाड़ियों को हॉकी खेलते देख उनके मन में भी हॉकी खेलने की लगन जगी।
फिर उन्होंने अपने पिता के सामने ख्वाहिश जताई कि हमें भी हॉकी सीखनी है तो शुरुआती हिचकिचाहट के बाद उन्होंने अपने बच्चों को हॉकी खेलने की रजामंदी दे दी। इन दोनों भाईयों ने शुरू में कुछ दिन शौकिया प्रैक्टिस की लेकिन बाद में धीरे-धीरे उनका मन खेल में ऐसा रमता गया कि आज उन्हें हॉकी के अलावा कुछ और सूझता नहीं है।
वर्तमान में सामर्थ्य प्रजापति लखनऊ हास्टल में कोच रजनीश मिश्रा (पूर्व अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी) और रंजीत राज की निगरानी में ट्रेनिंग कर रहे है।
उत्तर प्रदेश की मेजबानी में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 में हॉकी के मुकाबलों में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से खेल रहे सामर्थ्य प्रजापति के पिता परिवार के पालन-पोषण के लिए पहले ऑटो रिक्शा चलाते थे।
ऑटो रिक्शा चलाकर बेटों को बनाया हॉकी स्टार
कह सकते है कि सामर्थ्य की कहानी भी अन्य खिलाड़ियों जैसी है, जो मध्यमवर्गीय परिवार से आते है, जिसमें परिवार के मुखिया के सामने सीमित आय में घर का खर्चा चलाने की चुनौती होती है। फिर भी उन्होंने अपनी संतानों को खेल में आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
हालांकि सामर्थ्य और उनके भाई का उनके पिता व माता ने पूरा साथ दिया और आज वो हॉकी में अपना भविष्य संवार रहे है।
उनके पिता रमेश कुमार प्रजापति सहित उनके परिवार में दो भाई और एक बहन है, जिसमें बहन की शादी हो चुकी है। उनके ऊपर परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी रही। फिर भी उन्होंने अपने बेटो के सपनों को पूरा करने में साथ दिया और आज उनके बेटो ने हॉकी के फलक पर अपना नाम लिख दिया है।
इस उद्देश्य में सामर्थ्य की माता श्रीमती आरती देवी ने भी अपने बच्चों का पूरा ख्याल रखा। सामर्थ्य प्रजापति के बड़े भाई सर्वश्रेष्ठ प्रजापति भी हॉकी खिलाड़ी है जो भारतीय रेलवे में खेल कोटे से कार्यरत है।
सामर्थ्य प्रजापति खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स मे खेलने आने को अपने लिए लकी मानते है क्योंकि हाल ही में हुई यूपी पुलिस में खेल कोटे में कांस्टेबल के पदों पर हुई भर्ती में उनका भी चयन हो गया।
सामर्थ्य के अनुसार अब वो अपने खेल पर पूरा फोकस कर सकेंगे और भारतीय हॉकी टीम में जगह बनाने का सपना साकार करने के लिए जमकर पसीना बहा सकेंगे।
सामर्थ्य प्रजापति के अनुसार उनके जीवन में वह सबसे बड़ा पल था जब उन्होंने विवेक अकादमी में ट्रेनिंग करते हुए 2010 और 2011 में आयोजित आल इंडिया केडी सिंह बाबू अंडर-14 प्राइजमनी हॉकी टूर्नामेंट में यूपी टीम का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद उन्होंने हॉकी में कुछ करने की ठान ली।
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उनका चयन 2017 में यूपी सरकार के सैफई हॉकी हास्टल में हो गया था और अगले साल यानि 2018 में उनका स्थानांतरण लखनऊ हॉकी हास्टल में हो गया।
सामर्थ्य प्रजापति जूनियर नेशनल हॉकी टूर्नामेंट-2021 की स्वर्ण पदक विजेता और खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2019 की स्वर्ण पदक विजेता उत्तर प्रदेश की हॉकी टीम के सदस्य रहे है।
उन्होंने सीनियर नेशनल हॉकी टूर्नामेंट-2022 में भी यूपी टीम का प्रतिनिधत्व किया है। वो अपने आदर्श ओलंपिक-2020 की कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य ललित उपाध्याय के नक्शे कदम पर चलना चाहते है।
सामर्थ्य प्रजापति ने उत्तर प्रदेश की मेजबानी में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यहां हमें उच्चस्तरीय सुविधाएं मिली है, और ये खेल यूनिवर्सिटी से आने वाले खिलाड़ियों के खेल कॅरियर में उल्लेखनीय बदलाव लाएंगे। वहीं कई नए बच्चे भी प्रेरणा लेकर खेल में कॅरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे।