नई दिल्ली : भारतीय खो-खो महासंघ (केकेएफआई) के उपाध्यक्ष और ओडिशा खो-खो संघ के महासचिव प्रद्युम्न मिश्रा को खेलों के प्रोत्साहन और विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए बीजू पटनायक खेल सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर भुवनेश्वर स्थित जयदेव भवन में आयोजित विशेष समारोह में ओडिशा के राज्यपाल डॉ. हरी बाबू कंभंपति द्वारा प्रदान किया गया।
इस अवसर पर ओडिशा के खेल मंत्री सूर्यवंशी सूरज, एकमरा विधायक बाबू सिंह, सचिव-सह आयुक्त सचिन रामचंद्र जादव, आईएएस (डीएसवाईएस) तथा निदेशक डॉ. येद्दुला विजय, आईएएस (डीएसवाईएस) उपस्थित थे।
बीजू पटनायक खेल सम्मान 2024 के अंतर्गत कई विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन और योगदान देने वाले खिलाड़ियों और खेल हस्तियों को सम्मानित किया गया।
प्रद्युम्न मिश्रा के साथ भारत के सबसे तेज धावक अनीमेश कुजुर को 100 मीटर और 200 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने और 2025 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई करने के लिए सम्मानित किया गया।
वेटलिफ्टिंग के दिग्गज और अर्जुन पुरस्कार प्राप्ति विजेता बिजय कुमार सतपथी को उनके शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया गया।
प्रद्युम्न मिश्रा ने कहा, “बीजू पटनायक खेल सम्मान प्राप्त करना मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात है। यह पहचान सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि उन सभी खिलाड़ियों, कोचों और प्रशासकों की है, जिन्होंने खो-खो को ओडिशा और पूरे भारत में ऊँचाई तक ले जाने के लिए अथक मेहनत की है।
मैं यह पुरस्कार उन युवा खिलाड़ियों को समर्पित करता हूँ, जिनका जुनून और मेहनत हमें निरंतर प्रेरित करता है। केकेएफआई और ओडिशा खेल परिवार के सहयोग से मैं खो-खो को राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।”
पिछले एक दशक से भी अधिक समय से प्रद्युम्न मिश्रा ओडिशा में खो-खो के विकास और प्रोत्साहन के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक रहे हैं।
महासचिव के रूप में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का सफल आयोजन किया, जिनमें पुरी में आयोजित 57वीं सीनियर नेशनल खो-खो चैंपियनशिप विशेष रूप से उल्लेखनीय रही, जिसने ओडिशा को पारंपरिक भारतीय खेलों के केंद्र के रूप में पहचान दिलाई।
उन्होंने युवाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर, कोचों के लिए उच्च स्तरीय कार्यशालाएँ और खे लो इंडिया प्रतिभा पहचान समिति (ईस्ट ज़ोन) में सेवा देकर जमीनी स्तर पर खो-खो को मजबूती प्रदान की।
उनके नेतृत्व में पुरी में खो-खो अकादमी और हाई-परफॉर्मेंस सेंटर की शुरुआत हुई, जबकि भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में एक समर्पित खो-खो स्टेडियम की स्थापना के लिए प्रयास जारी हैं।
उनकी उपलब्धि पर बधाई देते हुए, भारतीय खो-खो महासंघ (केकेएफआई) के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा, “यह सम्मान न केवल ओडिशा के लिए बल्कि पूरे भारतीय खो-खो परिवार के लिए गर्व का क्षण है।
प्रद्युम्न मिश्रा के अथक प्रयासों ने राज्य में खेल की एक मजबूत नींव रखी है और उनका नेतृत्व हमें राष्ट्रीय स्तर पर लगातार प्रेरित करता है। बीजू पटनायक खेल सम्मान उनके कार्यों का प्रमाण है और यह दर्शाता है कि खो-खो को राष्ट्रीय महत्व का खेल माना जाने लगा है।”
इसी भावना को दोहराते हुए, केकेएफआई के संगठन एवं प्रशासन प्रमुख डॉ. एम.एस. त्यागी ने कहा, “श्री प्रद्युम्न मिश्रा ने ओडिशा की जमीनी स्तर की पहलों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे देश के लिए युवा प्रतिभाओं की सतत श्रृंखला तैयार हो रही है।
केकेएफआई की ओर से मैं उन्हें हार्दिक बधाई देता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि वे आगे भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के विकास में अपना योगदान जारी रखेंगे।”
बीजू पटनायक खेल सम्मान ओडिशा का सर्वोच्च खेल सम्मान है, जिसके अंतर्गत खिलाड़ियों, कोचों, प्रशासकों और खेल योगदानकर्ताओं को सम्मानित किया जाता है।
अन्य सम्मानित खिलाड़ियों में शामिल रहे – पैरा-एथलीट रखाल कुमार सेठी (श्रेष्ठ पैरा स्पोर्ट्स पर्सन), शतरंज खिलाड़ी सत्यविक स्वाइन (उदीयमान जूनियर खिलाड़ी),
खेल छात्रावास वॉलीबॉल कोच सुषमा नंदा (कोचिंग में उत्कृष्टता), बिमल कुमार राउल (खेल पत्रकारिता में उत्कृष्टता), और डॉ. सुदीप सतपथी (श्रेष्ठ तकनीकी अधिकारी/सपोर्ट स्टाफ)। बीजू पटनायक ब्रेवरी अवॉर्ड चित्तरणजन प्रधान और जीवन कुमार बेहेरा को प्रदान किया गया।
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