राष्ट्रीय डबल्स टेनिस चैंपियन कबीर हंस ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 की व्यवस्थाओं को सराहा

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लखनऊ: खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 उत्तर प्रदेश में भाग ले रहे ओडिशा के टेनिस खिलाड़ी कबीर हंस की निगाह इन खेलों में स्वर्ण पदक जीतने पर है। भारतीय टेनिस के फलक पर तेजी से चमक रहे कबीर हंस का नाम तब चर्चा में आया था, जब उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में नई दिल्ली में हुए फेनेस्टा ओपन नेशनल हार्ड कोर्ट टेनिस चैंपियनशिप में पुरुष युगल खिताब जीता था।

इसके बाद उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय फलक पर तब चर्चा बिखेरी जब उन्होंने इस साल मार्च में ईरान के किश आइलैंड में हुए आईटीएफ मेन्स 15के टूर्नामेंट में अपना पहला एटीपी पॉइंट हासिल किया था।

कबीर उत्तर प्रदेश में हो रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 उत्तर प्रदेश में केआइआइटी विश्वविद्यालय की टीम से खेल रहे है। 21 साल के इस खिलाड़ी की निगाह इन खेलों के माध्यम से अपनी तैयारियों को धार देना और अपने शानदार प्रदर्शन का सिलसिला जारी रखने पर है।

केआइआइटी विश्वविद्यालय की टीम से ले रहे हिस्सा

इन खेलों को लेकर उत्साहित कबीर हंस के अनुसार यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले खिलाड़ियों के लिए ये गेम बड़ा अवसर पर है, जहां अच्छे प्रदर्शन से वो अपनी भविष्य की राह तैयार कर सकते है। कबीर के अनुसार ऐसे खेल आयोजन हर साल होते रहने चाहिए।

कबीर हंस ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 उत्तर प्रदेश की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि केआइआइटी विश्वविद्यालय की टीम की ओर से मुझे अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का विश्वास है। हालांकि भुवनेश्वर के इस खिलाड़ी के सामने चुनैतियां भी कम नहीं है।

जीत का सिलसिला जारी रखने पर निगाह

दरअसल उन्होंने खेल में अपना सफर इसलिए तय कर पाए है क्योंकि उन्हें अपने परिवार से पूरा सहयोग मिला है। कबीर के पिता चेतन हंस और माता शैली हंस ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद अपने बेटे की ट्रेनिंग पर कोई संकट नहीं आने दिया था।

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कबीर अब अपने खेल को अगले स्तर तक ले जाने की तैयारी में है लेकिन इस राह में उसके सामने आर्थिक चुनौतियां मुंह बाएं खड़ी है और हालांकि अब उसे बड़े स्तर पर मदद की दरकार है।

दरअसल कबीर की योजना यूरोप में कुछ आईटीएफ टूर्नामेंट्स खेलने पर है लेकिन इन टूर्नामेंट्स में जाने के लिए उसे व्यक्तिगत कोच, ट्रेनर और फिजियो सहित सपोर्ट स्टाफ की भी दरकार होगी हालांकि इसमें काफी ज्यादा खर्च होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अपने खेल को आगे बढ़ाने के लिए मुझे कारपोरेट सेक्टर से सहयोग मिल जाएगा।

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