38वें राष्ट्रीय खेल : उत्तराखंड की विरासत व विविधता की झलक, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

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@narendramodi
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को उत्तराखंड की धार्मिक विरासत और जैव विविधता की झलक पेश करते रंगारंग उद्घाटन समारोह में 38वें राष्ट्रीय खेलों के शुरू होने की घोषणा की और 2036 ओलंपिक को भारत में लाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

इस टूर्नामेंट में 32 खेलों में लगभग 10 हजार खिलाड़ी 450 स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतने के लिए चुनौती पेश करेंगे। स्पर्धायें प्रदेश के सात शहरों में आयोजित होगी, जिसमें देहरादून मुख्य आयोजन स्थल होगा।

अल्मोड़ा के रहने वाले भारतीय बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन ने प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय खेलों की तेजस्विनी मशाल सौंपी। टीमों के मार्च के बाद मोदी ने खेलों की शुरूआत की घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘जब कोई देश खेल में आगे बढ़ता है तो देश की साख भी बढ़ती है और प्रोफाइल भी बढ़ता है। यहां कई रिकॉर्ड टूटेंगे, नये रिकॉर्ड बनेंगे लेकिन यह राष्ट्रीय खेल सिर्फ खेल स्पर्धा नहीं बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का मजबूत मंच भी है।’’

उन्होंने इस अवसर का उपयोग कुछ स्वास्थ्य सुझाव देने के लिए भी किया। उन्होंने युवाओं से अपने भोजन में तेल (वसा) कम करके और अपनी दैनिक दिनचर्या में अधिक सैर और व्यायाम को शामिल करके मोटापे के बढ़ते खतरे से लड़ने का आग्रह किया।

समारोह की शुरुआत ‘तांडव’ के प्रदर्शन से हुई, जो भगवान शिव की स्तुति में होने वाला शास्त्रीय नृत्य शैली है। समारोह के आखिरी चरण में शंख बजाने के साथ खेलों की शुरुआत की घोषणा की गई। समारोह के दौरान स्थानीय स्टार और लोकप्रिय बॉलीवुड गायक जुबिन नौटियाल ने अपनी आवाज के जादू से समां बांध दिया।

प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ स्टेडियम पहुंचे थे। ठंड के मौसम के बावजूद करीब 25000 दर्शक रंगारंग समारोह को देखने के लिए राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने 2022 (गुजरात) और 2023 (गोवा) में खेलों के पिछले दो सत्र का भी उद्घाटन किया था। इससे पहले सजी हुई गोल्फ कार्ट में स्टेडियम का चक्कर लगाने के बाद मोदी को पारंपरिक पहाड़ी टोपी, शॉल और खेलों के शुभंकर मौली और पदकों की प्रतिकृति वाला स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्षा खड़से और उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य इस मौके पर मौजूद थीं। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा और राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के प्रमुख क्रिस जेंकिंस भी समारोह में मौजूद थे।

राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखंड के लिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि राज्य अपने गठन की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। उत्तराखंड के राज्य पक्षी ‘मोनाल’ से प्रेरित ‘मौली’ खेलों का शुभंकर है जो इस क्षेत्र की अनूठी प्राकृतिक सुंदरता, विविधता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।

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भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु, निशानेबाज मनु भाकर जैसे देश के अधिकांश स्थापित स्टार इसमें नहीं खेल रहे हैं जिससे अन्य खिलाड़ियों को अपनी छाप छोड़ने का मौका मिलेगा।

इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले प्रमुख खिलाड़ियों में ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज स्वप्निल कुसाले और सरबजोत सिंह, विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन और टोक्यो खेलों की कांस्य विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन भी हैं। चार खेल कलारीपयट्टू, योगासन, मल्लखंभ और राफ्टिंग प्रदर्शनी खेल होंगे जिनमें पदक नहीं दिया जाएगा।

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