लखऩऊ। कई राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली से उत्साहित उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद पुरानी पेंशन बहाली सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर एक बार फिर आन्दोलन की ओर मुड़ी है। इसी क्रम में प्रदेश की राजधानी सहित सभी जनपद मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना दिया गया।
इसमें लखनऊ में प्रेरणा स्थल (स्व.बीएन जी की प्रतिमा स्थल) जिलाधिकारी आवास के सामने पार्क में किया गया। इस धरनें में राजधानी के समस्त विभागों की शत प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित रही। इस दौरान धरने को कई शीर्ष पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया।
रैली से पूर्व एसीपी नेहा त्रिपाठी धरना स्थल पहुची और यातायात का हवाला देते हुए धरना स्थल पर ही इस वायदे के साथ ज्ञापन लिया कि प्रबल संस्तुति के साथ उनका ज्ञापन मुख्यमंत्री तक पहुंचा दिया जाएगा।
धरने की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अमिता त्रिपाठी और संचालन सुभाष चन्द्र तिवारी ने की। चहीं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद यूपी के के प्रान्तीय नेतृत्व द्वारा राज्य कर्मचारियों के सेवाहितों को बनाये रखने व पुरानी पेंशन बहाली, राज्य कर्मचारियों को केन्द्र के समान भत्तों की मांग, दीनदयाल उपाध्याय कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना एवं वेतन विसंगतियों का निस्तारण एवं शासनादेश के निर्देशानुसार सेवा संगठनों से नियमित बैठक करने व अन्य मांगों के समर्थन में सोमवार को सुबह 11 से अपरान्ह 3 बजे तक प्रेरणा स्थल, जिलाधिकारी आवास के समक्ष धरना दिया गया।
धरने को जेबी पटेल, राजर्षि त्रिपाठी, अवधेश यादव, लोकेश गुप्ता, जितेन्द्र कुमार सिंह आदि ने सम्बोंधित किया। उन्होनेे बताया कि परिषद की मुख्य मांगों में 1 अप्रैल, 2005 से पूर्व चयनित प्रषिक्षणाधीन राजस्व लेखपाल व अन्य संवर्ग को पुरानी पेंषन व्यवस्था से आच्छादित किया जाय।
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धर्मेन्द्र सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष, फईम अख्तर ने बताया राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों के रोके गए तथा समाप्त किये गये महंगाई व अन्य भत्ते बहाल किए जायें।
विभागीय पदोन्नति किये जाते समय पोषक पद पर कार्यरत कार्मिक को पदोन्नति हेतु पात्र माने जाने एवं किन्तु विभागीय कार्यवाही प्रचलित होने के कारण पदोन्नति का पद नही दिया जाता है लेकिन पदोन्नति सवंर्ग में एक पद रिक्त रखा लिया जाता है, तथा परिणाम बन्द लिफाफा में रखा जाता है।
ऐसी स्थिति में कार्मिक का एक साथ दो पदों पर धारणाधिकार रहता है। इस कारण जहां पोषक संवर्ग में एक पद तथा पदोन्नति संवर्ग में भी एक पद संरक्षित रहता है, इस विसंगति को दूर किया जाय। विभिन्न विभागों में चल रहे रिक्त पदों पर विभागवार अभियान चलाकर निर्धारित पदों के सापेक्ष तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती की जाये।