लखनऊ। मैदान के अंदर क्रिकेट का खेल और मैदान के बाहर कुछ और खेल। यहां बात हो रही है लखनऊ के इकाना स्टेडियम की जो इस समय इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सात मैचों की मेजबानी कर रहा है।
हालांकि इस समय यहां इस मेजबानी के मुद्दे की चर्चा नहीं हो रही है, यहां बात हो रही है आईपीएल के क्रिकेट मैच की आड़ में चल रहे गलत कामों की जिससे इस बार इकाना स्टेडियम खेल से इतर चर्चा का विषय बन गया है।
यूपीसीए सीईओ व इकाना स्टेडियम के मैनेजर सहित चार लोगों को लोकायुक्त ने जारी किया नोटिस
यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इस बात का खुलासा हुआ है, लोकायुक्त के एक नोटिस से जिसमें उठाए गए भ्रष्टाचार के मुद्दो से हर क्रिकेट प्रेमी हिल गया है। दरअसल इस नोटिस की माने तो मैदान के अंदर क्रिकेट का खेल और मैदान के बाहर जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है।
ये नोटिस इस रिपोर्ट के साथ संलग्न किया गया है।
हालंकि इकाना स्टेडियम और इससे पहले वर्ल्ड कप के मैचों की मेजबानी कर चुका है औ इस समय आईपीएल के मुकाबलों की दूसरी बार मेजबानी कर रहा है। फिर भी लोकायुक्त के इस नोटिस के अनुसार मैचों की आड़ में भ्रष्टाचार का खेल आईपीएल के साथ विश्व कप में भी खेला गया है।
इसमें टिकट की बिक्री से लेकर खानपान, पार्किंग सहित अन्य मदों में मनमाने तरीके से वेंडर का चयन और भुगतान किया है।
इस पूरे गोलमाल की शिकायत लोकायुक्त से की गई है जिनकी ओर से यूपी क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के पदाधिकारियों सहित इकाना स्टेडियम के मैनेजर गौरव सिंह को लोकायुक्त ने नोटिस जार कर जवाब तलब किया है।
वैसे इस बारे में देवरिया निवासी गौरव नाथ त्रिपाठी द्वारा विश्व कप और आईपीएल के मैच में टिकट की बिक्री और इकाना स्टेडियम में खानपान, पार्किंग के टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत पर लोकायुक्त ने नोटिस जारी किया है।
ये भी पढ़ें : आईपीएल : केकेआर के खिलाफ एलएसजी की जीत पर निगाहें
वैसे पिछले साल भी टिकटों की कालाबाजारी खबरें आई थी लेकिन उस समय मामला यह कहकर दबा दिया गया कि टिकट सब बुक हो चुके हैं।
इतना ही नहीं यूपीसीए और इकाना स्टेडियम लोकल मीडिया को बेहद कम पास दिया जा रहा है, इसके पीछे तर्क दिया गया था कि मैच के सभी टिकट बिक चुके हैं। हालांकि अब इस मामले के खुलासे से सवाल उठना शुरू हो गया है।
इस मामले में सवालों के घेरे में यूपी क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीईओ अंकित चटर्जी, ट्रेजरार प्रेम मनोहर गुप्ता के साथ इकाना स्टेडियम के मैनेजर गौरव सिंह है। इनको लोकायुक्त ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
इस मामले में लोकायुक्त ने यूपीसीए के पदाधिकारीगण और इकाना के मैनेजर गौरव सिंह से 5 साल में खुद की आय के साथ साथ पूरे परिवार की आय का ब्यौरा मांगा है। यानि पूरे परिवार में 5 साल में किसकी कितनी कमाई हुई ये बताना होगा। इन्हें कई बिंदुओं पर 29 मई तक जवाब देना होगा।
वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इकाना स्टेडियम में हुए विश्व कप मैच और आईपीएल मैच में वेंडर्स के चयन और उनको किए गए भुगतान की बड़े पैमाने पर कमीशन खोरी भी की गई है।
यहीं नहीं पार्किंग, इंटरनेट, खानपान व सिक्योरिटी आदि कामों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल हुआ है। ये भी कहा जा रहा है कि सभी मैचों में हुए भ्रष्टाचार के क्रम में सभी काम एक ही वेंडर को देकर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है।
इस मामले में विजिलेंस से जांच कराने की मांग भी गई है। वैसे लोकायुक्त के नोटिस के अनुसार शिकायतकर्ता ने इकाना स्टेडियम के मैनेजर गौरव सिंह समेत सभी लोगों की आय से अधिक संपत्ति की जांच विजिलेंस से कराने की मांग की है।
वहीं लोकायुक्त ने यूपीसीए के अध्यक्ष, सीईओ अंकित चटर्जी व इकाना स्टेडियम के मैनेजर गौरव सिंह समेत सभी चार लोगों को नोटिस भेजकर 29 मई तक जवाब मांगा है। बहरहाल देखना ये है कि इस मामले में बीसीसीआई क्या ऐक्शन लेता है।