चेन्नई : प्रो कबड्डी लीग (PKL) के पिछले दो सीज़नों में लीग चरण से ही बाहर हो चुकी तमिल थलाइवाज़ इस बार सीज़न 12 में नई शुरुआत कर अपनी पहली PKL ट्रॉफी जीतने की उम्मीद रखेगी। यह सीज़न 29 अगस्त से शुरू हो रहा है।
2017 में प्रो कबड्डी में डेब्यू करने के बाद से थलाइवाज़ केवल एक बार ही प्लेऑफ़ (सीज़न 9, 2022) में जगह बना पाई है।
सीज़न 11 में उदयकुमार (मुख्य कोच) और धर्मराज चेरलाथन (रणनीति कोच) की डबल-कोच प्रणाली के तहत थलाइवाज़ ने 22 में से केवल 8 मुकाबले जीते और अंक तालिका में 9वें स्थान पर रही।
सीज़न 12 से पहले, टीम ने दोनों कोचों को बाहर कर दिया और दो बार की PKL विजेता कोच संजय बालयान को टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त किया। बालयान ने पहले पटना पाइरेट्स (सीज़न 3) और जयपुर पिंक पैंथर्स (सीज़न 9) को खिताब दिलाया था। टीम ने सुरेश कुमार को सहायक कोच नियुक्त कर एक पारंपरिक कोचिंग संरचना में वापसी की है।
पिछले सीज़न में प्लेऑफ़ में जगह बनाने में असफल रहने के बावजूद, थलाइवाज़ ने अपने कोर खिलाड़ियों को बनाए रखा और सीज़न 12 की नीलामी में ₹4.973 करोड़ खर्च कर 5 नए खिलाड़ी शामिल किए हैं।
सीज़न 12 से पहले थलाइवाज़ की ताकतों और कमज़ोरियों पर एक नज़र
ताकतें:
तमिल थलाइवाज़ के पास इस सीज़न की सबसे मजबूत रेडिंग यूनिट हो सकती है। टीम ने अर्जुन देशवाल को ₹1.405 करोड़ में खरीदा है। वह अब तक 114 मैचों में 1,174 रेड पॉइंट्स जुटा चुके हैं और PKL के सर्वश्रेष्ठ रेडरों में गिने जाते हैं। पूर्व तेलुगु टाइटंस कप्तान पवन सेहरावत को ₹59.50 लाख में टीम में शामिल किया गया है।
वह अब तक 139 मैचों में 1,318 रेड पॉइंट्स और 70 टैकल पॉइंट्स हासिल कर चुके हैं। टीम ने ईरानी ऑलराउंडर मोइन शाफाघी (103 रेड पॉइंट्स) और नरेंदर कंडोला (82 रेड पॉइंट्स) को भी बरकरार रखा है। अन्य विकल्पों में विशाल चहल, धीरज रवींद्र बैलमारे, योगेश यादव, अभिराज पवार और रोहित कुमार बेनीवाल जैसे रेडर शामिल हैं।
कमज़ोरियां :
थलाइवाज़ की सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है कवर डिफेंडर्स की कमी। डिफेंस में कप्तान सागर राठी, नितेश कुमार, अलीरेज़ा खलीली, मोहित, और सुरेश जाधव जैसे कॉर्नर डिफेंडर हैं।
लेकिन कवर पोजिशन में अनुभव की कमी है। दाएं कवर में रौनक और तरुण, जबकि बाएं कवर में अनुज गवाडे और आशीष को रखा गया है, जिनका PKL अनुभव सीमित है।
अवसर :
संजय बालयान कोच के रूप में एक बार फिर इतिहास रच सकते हैं और थलाइवाज़ को पहली बार चैंपियन बना सकते हैं। पवन सेहरावत, जो पिछले कुछ सीज़नों में चोटों से परेशान रहे हैं, के पास वापसी का बेहतरीन मौका है।
वह पहले थलाइवाज़ के लिए ही खेले थे लेकिन 2022 में एक गंभीर घुटने की चोट के कारण सीज़न से बाहर हो गए थे। अब वो एक नई शुरुआत करना चाहेंगे।
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