मुंबई : प्रो कबड्डी लीग सीजन 2 की चैंपियन यू मुंबा की टीम एक बार फिर से खिताब पर कब्जा जमाने के इरादे से सीजन 12 की शुरुआत करेगी, जो 29 अगस्त से शुरू हो रहा है।
कप्तान सुनील कुमार की अगुवाई में यू मुंबा ने पिछले सीजन में 22 में से 12 मुकाबले जीतकर तीन साल बाद पीकेएल प्लेऑफ़ में जगह बनाई थी। हालांकि, उनका सफर एलिमिनेटर 2 में पटना पाइरेट्स के खिलाफ हार के साथ खत्म हो गया।
पीकेएल सीजन 11 के प्लेऑफ़ में जगह बनाने के बावजूद यू मुंबा ने अपने हेड कोच घोलामरेज़ा मज़ंदरानी को सीजन 12 के लिए रिटेन नहीं किया।
यू मुंबा ने अनिल चपराना को पीकेएल सीजन 12 के लिए अपना नया हेड कोच नियुक्त किया। इससे पहले चपराना यू मुंबा के हेड कोच रह चुके हैं, जिन्हें 2022 में घोलामरेज़ा मज़ंदरानी ने रिप्लेस किया था। इसके बाद उन्होंने पटना पाइरेट्स में नरेंद्र रेडू के साथ एक सीजन तक असिस्टेंट कोच के रूप में काम किया।
चपराना ने पीकेएल सीजन 11 में यू मुंबा के असिस्टेंट कोच के रूप में वापसी की और टीम को 2019 के बाद पहली बार प्लेऑफ़ में पहुंचाने में मदद की।
इस बीच, यू मुंबा ने अपने कोर खिलाड़ियों को बनाए रखा है, जिन्होंने पिछले सीजन उन्हें प्लेऑफ़ तक पहुंचाया था। इसके अलावा, सीजन 12 की नीलामी में उन्होंने 8 खिलाड़ियों को साइन करने के लिए ₹4.905 करोड़ खर्च किए।
ताकत: प्रमुख खिलाड़ियों को रिटेन करना
पीकेएल सीजन 12 की नीलामी से पहले यू मुंबा ने अपने अधिकांश खिलाड़ियों को रिटेन कर लिया था। इनमें कप्तान सुनील कुमार, लेफ्ट रेडर अजीत चौहान, राइट रेडर सतीश कन्नन, लेफ्ट कॉर्नर दीपक कुंडू और लोकेश घोषलिया, लेफ्ट कवर सनी और मुकिलन शन्मुगम, ऑलराउंडर आमिर मोहम्मद जफरदनेश और रोहित शामिल हैं।
यू मुंबा की मजबूत डिफेंस यूनिट
सीजन 12 में यू मुंबा की डिफेंस उनकी सबसे बड़ी ताकत साबित हो सकती है। कप्तान सुनील कुमार एक बार फिर से टीम की डिफेंस की कमान संभालेंगे। वह पीकेएल इतिहास में सबसे ज़्यादा टैकल पॉइंट्स (390) के मामले में पांचवें स्थान पर हैं।
इसके अलावा, यू मुंबा ने अपने एफबीएम कार्ड का इस्तेमाल कर ₹25.10 लाख में एक बार फिर से परवेश भैंसवाल को रिटेन किया, जिन्होंने पिछले सीजन 23 मैचों में 38 टैकल पॉइंट्स लिए थे।
उनके अन्य डिफेंडर्स में रिंकू (राइट कॉर्नर), लोकेश घोषलिया (लेफ्ट कॉर्नर), दीपक कुंडू (लेफ्ट कॉर्नर), सनी (लेफ्ट कवर), मुकिलन शन्मुगम (लेफ्ट कवर) और रवि (राइट कवर) शामिल हैं।
आनिल मोहन की बड़ी खरीद
यू मुंबा ने युवा ऑलराउंडर आनिल मोहन को ₹78 लाख में साइन किया, जो पीकेएल इतिहास में कैटेगरी डी के सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए हैं। भारतीय कबड्डी सर्किट में सबसे प्रतिभाशाली युवाओं में गिने जाने वाले आनिल इस सीजन में गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं।
कमजोरियां: मंजीत का टीम से जाना
यू मुंबा की सबसे बड़ी कमजोरी है उनके पूर्व लीड रेडर मंजीत दहिया का जाना, जो अब दो बार की चैंपियन जयपुर पिंक पैंथर्स में शामिल हो गए हैं। 730 रेड पॉइंट्स के साथ मंजीत का अनुभव निश्चित रूप से टीम को मिस होगा।
लेफ्ट कॉर्नर की अनुभवहीनता
लोकेश घोषलिया और दीपक कुंडू यू मुंबा की लेफ्ट कॉर्नर पोजिशन के दो विकल्प हैं। लेकिन लोकेश ने सिर्फ 11 पीकेएल मैच खेले हैं जबकि दीपक ने अब तक सिर्फ 2 मैचों में भाग लिया है। यह अनुभव की कमी टीम के लिए चुनौती बन सकती है।
अवसर: अनिल चपराना के लिए बड़ा मौका
टीम ने अनिल चपराना में विश्वास दिखाते हुए उन्हें असिस्टेंट कोच से हेड कोच बना दिया। पिछले सीजन में उन्होंने घोलामरेज़ा मज़ंदरानी के साथ मिलकर यू मुंबा को तीन साल बाद प्लेऑफ़ में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।
अजीत को लीड रेडर बनने का मौका
यू मुंबा के युवा रेडर अजीत चौहान ने सीजन 11 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 23 मैचों में 185 रेड पॉइंट्स हासिल किए थे। अब मंजीत की गैरमौजूदगी में उनके पास टीम के मुख्य रेडर बनने का सुनहरा मौका है।
युवाओं के लिए खुद को साबित करने का समय
आनिल मोहन, लोकेश घोषलिया, दीपक कुंडू, मुकिलन शन्मुगम, अमरजीत और रवि जैसे कई युवा खिलाड़ी इस सीजन में खुद को साबित करने और शुरुआती 7 में जगह बनाने की कोशिश करेंगे।
खतरे: टीम का कुल अनुभवहीनता
यू मुंबा की सबसे बड़ी चिंता उनकी टीम की कुल अनुभवहीनता है। हेड कोच अनिल चपराना की अगुवाई वाली टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो अभी तक पीकेएल में डेब्यू भी नहीं कर पाए हैं या बहुत कम मैच खेले हैं।
अनुभवी रेडर की कमी
मंजीत के जाने के बाद टीम पूरी तरह से 20 वर्षीय अजीत चौहान पर निर्भर हो सकती है। उन्होंने भले ही पिछले सीजन शानदार प्रदर्शन किया हो, लेकिन क्या वो उस फॉर्म को बरकरार रख पाएंगे, यह देखने वाली बात होगी।
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