श्रद्धेय देवेंद्र ब्रम्ह्चारी के मार्गदर्शन में बिरला मातोश्री सभागार, मुंबई में संत-समागम और विश्वमैत्री महोत्सव का भव्य और ऐतिहासिक आयोजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर सकल जैन समाज के साधु-संतों का चातुर्मास हुआ, जिसमें दिगंबर, श्वेतांबर, तेरापंथी और स्थानकवासी संघ के प्रतिष्ठित साधुगणों ने भाग लिया।
उल्लेखनीय साधुओं में मुनिश्री 108 प्रणुतसागर महाराज (संघ), अचलगच्छाधिपति पूज्य आचार्य कलाप्रभसागरसूरीश्वरजी म. सा., आचार्य मतिचन्द्रसागरसूरी म. सा., और मुनि कुलदीप कुमार म. सा. शामिल थे। इनके पावन सान्निध्य और आशीर्वाद से हजारों भक्तजन लाभान्वित हुए, जिन्हें इनकी अमृतमयी वाणी से दिशा मिली।
महावीरायतन फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस महोत्सव में भगवान महावीर के सिद्धांतों पर चलने वाले सभी जैन संघों के साधु-संतों का समागम हुआ, जहां विश्व शांति और आपसी सद्भाव के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया गया।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में केरल के महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपने उद्बोधन में कहा कि विभिन्न संस्कृतियों को साथ लेकर चलने से ही विश्व में शांति संभव है। उन्होंने श्रद्धेय देवेंद्र ब्रम्ह्चारी के विचारों और कार्यों की प्रशंसा करते हुए इसे समय की आवश्यकता बताया।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अपने अनूठे शैली में कहा, “यदि नहीं चाहते युद्ध तो अपनाओ महावीर और बुद्ध,” और अपने प्रभावी भाषण से सभी को प्रेरित किया।
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि विकास का सही मार्ग तभी संभव है जब हम अपनी संस्कृति को साथ लेकर आगे बढ़ें। महाराष्ट्र के मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, राजस्थान के मंत्री झाबरसिंह खर्रा, और राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने भी भगवान महावीर के सिद्धांतों के पालन से विश्व शांति की संभावना पर जोर दिया।
कार्यक्रम के सूत्रधार, श्रद्धेय देवेंद्र ब्रम्ह्चारी ने भगवान महावीर स्वामी के मार्ग पर चलते हुए देश और विश्व के हर वर्ग को एकसाथ जोड़ने की अपील की।
इस अवसर पर समाज और देश के लिए उल्लेखनीय योगदान देने वाले गणपत कोठारी, राकेश कोठारी, उत्तम बाफना, मनीष गोधा (इंदौर), डॉ. राहुल सुबोध साहो,उत्तम शाह, और प्रशांत झावेरी को “समाज गौरव सम्मान” से सम्मानित किया गया।
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कार्यक्रम में प्रसिद्ध सीए के. सी. जैन, लोढ़ा फाउंडेशन की अध्यक्षा मंजू लोढ़ा समेत मुंबई और देशभर के विशिष्ट गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम को सफल बनाने में राकेश नाहर, प्रकाश चोपड़ा, शैलेश दमोदरिया (किशन) एंड टीम, उरबा जोशी, यादब पुन का विशेष योगदान रहा, और लवकेश जैन ने प्रभावशाली रूप से संचालन किया।
यह महोत्सव न केवल जैन समाज के लिए एक ऐतिहासिक अवसर साबित हुआ बल्कि विश्व को शांति, सहिष्णुता, और आपसी सद्भाव का महत्वपूर्ण संदेश भी दिया।