लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन विपक्ष द्वारा पूछे गए अनुपूरक प्रश्न पर उठाए गए मुद्दे जिसमें अविकसित/अनियोजित कॉलोनियों का विद्युतीकरण, समानुपातिक ढंग से बजट एलोकेशन,
लो वोल्टेज की समस्या, ओवरलोड ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि, बांस बल्ली की लाइनों को हटाने, शहरी एवं ग्रामीण अंचलों में आबादी के अनुपात में विद्युतीकरण कराने आदि संबंधी पूछे गए अनपूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों को विद्युत कनेक्शन देने में आने वाली सभी रूकावटों को खत्म कर दिया है।
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने विधानसभा में विपक्ष के सवालों का दिया करारा जवाब
प्रदेश भर में विद्युतीकरण का व्यापक कार्यक्रम चल रहा है। अब किसी को भी विद्युत कनेक्शन लेने में समस्या नहीं आ रही है। कहीं पर भी किसी भी विद्युत पोल के 40 मीटर के अंदर निवास करने वाले लोगों को निशुल्क कनेक्शन देने की व्यवस्था है तथा 40 मीटर से अधिक दूरी पर रहने वालों को एस्टीमेट का खर्चा लगता है।
प्रदेश में अनियोजित/अविकसित कॉलोनियों में विद्युतीकरण के लिए अप्रैल 2024 से नई व्यवस्था लागू है, जिसमें ऐसी कॉलोनी में रहने वाले किसी भी एक व्यक्ति द्वारा कनेक्शन के लिए आवेदन करने पर और इसके लिए 70 रूपये प्रति स्क्वायर फिट की दर से पैसा जमा करने पर कनेक्शन देने की व्यवस्था है।
सपा सरकार में बिजली न आने से महिलाए विद्युत तारों में कपड़े टांगकर सुखा लेती थी
कनेक्शन देने के मामले में प्रदेश में दो दशक पुरानी व्यवस्था जो की 2005 से लागू थी, उस व्यवस्था को बदला गया है। पुरानी व्यवस्था में विद्युत देने की प्रक्रिया बहुत ही जटिल थी,
किसी भी अनियोजित व अविकसित कॉलोनी में विद्युत कनेक्शन देने के लिए ऐसी कॉलोनी में 25 प्रतिशत मकान बने होने तथा इसमें से आधे लोग विद्युतीकरण के लिए प्रार्थना पत्र देने और इसका खर्चा देने के बाद ही उस क्षेत्र का विद्युतीकरण होता था, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है।
इसी प्रकार प्रदेश के गरीब उपभोक्ताओं, लाइफ लाइन कंज्यूमर, बीपीएल उपभोक्ताओं को अन्य उपभोक्ताओं की अपेक्षा 53 प्रतिशत से कम दर पर बिजली दी जा रही।
प्रदेश सरकार ने लोगों को विद्युत कनेक्शन देने में आने वाली सभी रूकावटों को खत्म कर दिया
ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने सपा विधायक महबूब अली के तंज पर कि ’बिजली के तारों की वजह से महिलाएं अब छतों पर कपड़ा नहीं सुखा पाती’ का जवाब देते हुए कहा कि बिजली की तारों की वजह से नहीं बल्कि बिजली की तारों में लगातार 440 वोल्ट का करंट दौड़ने से महिलाएं अब कपड़ा छतों पर नहीं सुखा पाती, जबकि सपा सरकार में बिजली न आने से महिलाएं विद्युत तारों में भी कपड़े टांगकर सुखा लेती थी।
सपा सरकार में सफाई कार्मिकों से सफाई न कराकर भैंस ढुढवाई जाती थी
इसी बात का समाजवादी नेताओं को बहुत दुख है कि लोग अब बिजली के तारों पर कपड़ा नहीं सुखा पाते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष पर यह बात पूरी तरह से लागू होती है कि ’बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से खाए।’
ऊर्जा मंत्री ने मछलीशहर से सपा विधायक रागिनी सोनकर के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि योगी सरकार ने प्रदेश के 1.21 लाख अविद्युतीकृत मजरों का विद्युतीकरण करवाया। अभी भी 20 हजार मजरों का विद्युतीकरण होना बाकी है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है। इसमें से जौनपुर जिले में 1071 मजरों का विद्युतीकरण का लक्ष्य है, जिससे 9862 मकान रोशन होंगे।
जबकि विधानसभा मछलीशहर में 60 मजरों का विद्युतीकरण किया जाना है, जिससे 557 मकान रोशन होंगे। जौनपुर जिले में कुछ एक व्यवधानों को छोड़कर पूरे महीने 17.30 से 18 घंटे बिजली दी गई। 2017 के बाद से जौनपुर जिले में 132 केवी का नया सबस्टेशन बनाया गया।
33 केवी के पांच उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि, 33/11 केवी के 06 नए सबस्टेशन बनाए गए। इसी प्रकार मछलीशहर विधानसभा में 33 केवी के 01 उप केंद्र बनाए गए, 03 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए, 72 ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की गई।
बिजली के जर्जर पोल और तारों को हटाने के लिए जौनपुर जिले में 26,36000 पोल भी लगाए गए, इसमें से मछलीशहर विधानसभा में 5128 पोल लगाए गए।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने विपक्ष द्वारा प्रदेश में सफाई व्यवस्था को लेकर उठाए गए सवाल पर कहा कि प्रदेश के शहरों और प्रयागराज महाकुंभ की सफाई व्यवस्था पर विपक्ष आरोप लगा रहा है, जबकि उनके समय में नगर विकास के सफाई कार्मिक सफाई कार्य नहीं करते थे
बल्कि उनसे भैंस ढुढवाते थे, जिन्होंने ऐसे कार्य किये हो, वह अब प्रदेश की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। जिन्हें प्रयागराज महाकुंभ की सफाई व्यवस्था नजर नहीं आई जबकि पूरी दुनिया इसकी सफाई, स्वच्छता की प्रशंसा की।
विगत वर्षों में अनेक निकायों को देश स्तर पर स्वच्छता में उच्च रैंक मिली
इसी प्रकार प्रदेश के शहरों में सफाई को लेकर की गई व्यवस्था और स्वच्छता अभियानों की जानकारी विपक्ष को नहीं है। प्रदेश के सभी 712 नगरीय निकायों का स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है, विगत वर्षों में भी कई निकायों को देश स्तर पर स्वच्छता में उच्च रैंक मिल चुकी है।
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