लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सबसे विश्वसनीय और सबसे कठिन परिश्रम करने वाले कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को विधान परिषद में नेता सदन की जिम्मेदारी सौंप दी है। योगी ने अपने इस फैसले से कई संदेश दे दिये हैं। प्रदेश में 3 बार एमएलसी और 2 बार मंत्री रहे स्वतंत्र देव सिंह ने जमीनी कार्यकर्ता के तौर पर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की और आज वो विधान परिषद में नेता सदन तक पहुंचे।
सीएम योगी ने अपने सबसे भरोसेमंद कैबिनेट सहयोगी को सौंपी विधानसभा में नेतृत्व की कमान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे करीबी और भरोसेमंद कैबिनेट सहयोगी स्वतंत्र देव सिंह को नई भूमिका सौंपकर भाजपा सरकार ने उच्च सदन में आक्रामक अंदाज और दमदार मौजूदगी का संदेश दे दिया है। स्वतंत्र देव सिंह के लम्बे जमीनी अनुभव और संगठन व सरकार में रहते हुए जनता से जुड़े उनके मुद्दों के आधार पर सरकार और गभीरता से काम कर सकेगी।
स्वतंत्र देव सिंह का जमीनी कार्यकर्ता से विधान परिषद में नेता सदन तक का सफर
1988 में अखिल भारतीय विद्वार्थी परिषद के संगठन मंत्री रहने के बाद स्वतंत्र देव सिंह ने 1991 में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा कानपुर के प्रभारी के रूप में काम संभाला। 2001 में वो भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गये। उनके कठिन परिश्रम और ईमानदारी ने उनको हर कदम पर सफलता दिलाई।
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वो हर दायित्व को निभाते हुए निरंतर संगठन में आगे बढ़ते रहे और हुए जन-जन की सेवा में भी अपनी भूमिका निभाते रहे। योगी सरकार 2 में जलशक्ति मंत्री बनने के बाद स्वतंत्र देव सिंह लगातार प्रदेश भर में दौरे कर योजनाओं की जमीनी हकीकत की पड़ताल कर रहे हैं।
हर घर नल योजना को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का अभियान छेड़े हुए हैं। जल संरक्षण के साथ जन-जन तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने में जुटे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में उनकी बड़ी महत्वपर्ण भूमिका है।