लखनऊ। श्री श्याम भक्त परिवार की ओर से आयोजित “सुनहरी शाम सांवरिया के नाम” की महफिल को सजाने के लिए खलीलाबाद से श्याम जगत के विश्व विख्यात भजन प्रवाहक सरदार हरमहेंद्र सिंह ‘रोमी’, जयपुर के दलजीत सिंह, लखनऊ के पवन मिश्रा माधव सभागार, निराला नगर, लखनऊ में सजे बाबा श्याम के दरबार पहुँचे थे।
मुरली की थीम पर सजा श्री श्याम प्रभु का दरबार, धूमधाम से मना उत्सव
मीडिया प्रभारी मोहित मित्तल ने बताया कि भक्त परिवार द्वारा बाबा श्याम का उत्सव बहुत ही प्रेम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
मीडिया प्रभारी मोहित मित्तल ने बताया कि उत्सव का शुभारम्भ शाम 7 बजे श्री राजेन्द्र पांडेय (गुरु जी) के सान्निध्य में श्री श्याम प्रभु खाटू वाले के पूजन से किया गया तत्पश्चात बाबा श्याम की अलौकिक ज्योत प्रज्ज्वलित करने के बाद श्री श्याम प्रभु की आरती की गयी।
भजन संध्या से पूर्व सर्वप्रथम लखनऊ के धर्मेंद्र शर्मा ने वंदना कर भगवान गणेश जी के चरणों में सेवा अर्पित की। भजन संध्या का शुभारंभ लखनऊ के पवन मिश्रा ने “मेरे लाडले गणेश प्यारे-प्यारे…..”, “किसी की नैया का मांझी बन जाता है…..”,
“सांवरिया तेरे प्यार ने दीवाना कर दिया…..”, जयपुर के दलजीत सिंह ने “कीर्तन की है रात…..”, “हारे के सहारे आजा…..”, “बाबा तेरा मेरा रिश्ता पुराना है…..” खलीलाबाद के सरदार हरमहेंद्र सिंह ‘रोमी’ ने “तुम सामने बैठे हो थोड़ी बात हो जाए…..”,
“मैं हूँ तेरा नौकर तेरी हाजरी रोज लगाता हूँ…..”, “मैं तुझसे दौलत क्या मांगू मैंने सुना तू यार गरीबों का…..” जैसे भजनों की अविरल धारा प्रवाहित कर भक्तों को भाव-भाव-विभोर कर झूमने पर मजबूर कर दिया।
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भक्त परिवार के प्रेम अग्रवाल ने बताया कि बाबा श्याम का दरबार कोलकाता के कारीगरों द्वारा मुरली की थीम पर सजाया गया जो रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा था, दरबार में श्याम प्रभु के साथ-साथ अन्य भगवान भी विराजमान थे। बाबा श्याम के शीश पर स्वर्ण मुकुट में हीरा पन्ना, बेशकीमती मोतियों से अलंकृत है।
बाबा श्याम का श्रृंगार कोलकाता के कारीगरों द्वारा विशेष तौर पर तैयार करायी गयी मेवे की 21 मालाओं एवं देशी-विदेशी, रंग-बिरंगे फूलों से किया गया जिसका स्वरूप भक्तों के नैनों में समा गया। श्याम प्रभु के अनोखे स्वरूप के दर्शन के लिए हजारों की संख्या मे भक्तों का जनसैलाब था।
बाबा श्याम के दरबार में भक्तों ने माथा टेक कर सकुशल भविष्य की प्रार्थना की। भक्त परिवार के विनय अग्रवाल ने बताया कि मध्यरात्रि में बाबा श्याम को छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। उत्सव के अंतिम चरण में भक्तों ने बाबा श्याम के संग फूलों की होली खेली। उत्सव के समापन पर भक्तों में बाबा श्याम को लगे हुए भोग का महाप्रसाद बांटा गया।