लखनऊ। कैंट विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी ब्रजेश पाठक का कद और लोकप्रियता दूसरे दलों के प्रत्याशियों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रनेता के रूप में अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत करने वाले ब्रजेश पाठक का लखनऊ की जनता से काफी पुराना जुड़ाव रहा है।
लखनऊ कैंट विधानसभा से ताल ठोंक रहे ब्रजेश पाठक
जनता के बीच रहने,सर्व सुलभ और सरल व्यक्तित्व के कारण पाठक लखनऊ के लोगों के करीबी हैं। यही कारण है कि वह 2022 के विधानसभा चुनाव में कैंट विधानसभा में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के मुकाबले ज्यादा प्रभावशाली नजर आ रहे हैं।
2017 के चुनावों में लखनऊ की मध्य विधानसभा से विधायक और भाजपा की सरकार में बतौर कानून मंत्री रहते हुए ब्रजेश पाठक ने प्रत्येक दिन जनता की सुनवाई की है। उनके आवास पर सुबह से ही समस्या लेकर लोगों का आना शुरू हो जाता है। उनके इसी व्यक्तित्व का प्रभाव है कि लखनऊ कैंट की जनता ने उनको हाथों-हाथ लिया।
चुनाव प्रचार खत्म लेकिन आवास पर उमड़ रही समर्थकों की भीड़
कोविड काल के दौरान ब्रजेश पाठक जन-जन तक पहुंचे। उन्होंने कोरोना काल में मजदूरों और गरीबों के लिए भोजन और दवा की व्वयस्था की। जरूरतमंदों, गरीबों, मजदूरों, वंचितों की सेवा करते रहने से उन्होंने राजनीति में जो मुकाम हासिल किया है, वो युवाओं के लिए भी प्रेरणा बनता रहा है।
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शायद यही कारण भी है कि कैंट विधानसभा में उनको जीत दिलाने के लिए प्रत्येक दिन उनके साथ हर उम्र, हर वर्ग, समाज और संगठन के लोग उनके साथ खड़े दिखाई दिये।
लखनऊ कैंट विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां भाजपा प्रत्याशी जीत दर्ज करते रहे हैं। इस बार लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से प्रदेश सरकार में कानून मंत्री रहे ब्रजेश पाठक भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं ।
अब ये जनता को तय करना है, किसको मिलेगी जीत
ऐसे में अन्य दलों के प्रत्याशियों के लिए वो बड़ी चुनौती बने हुए हैं। बता दें कि 2017 में भाजपा की प्रत्याशी डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने सपा से उम्मीदवार अपर्णा यादव को और 2019 में भाजपा के प्रत्याशी सुरेश तिवारी ने यहां सपा के मेजर आशीष चतुर्वेदी को हराया था।