यूपी में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार गंभीर: योगेंद्र उपाध्याय

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साभार : गूगल (उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय)

लखनऊ। एक नये विश्वविद्यालय एसकेएस इण्टरनेशनल विश्वविद्यालय, मथुरा की स्थापना हेतु मूल अधिनियम की अनुसूची-2 में संशोधन हेतु प्रस्ताव लाया गया। अनुसूची-2 में क्रम संख्या-37 के बाद नव स्थापित विश्वविद्यालय के लिए क्रमांक संख्या बढ़ाकर 38 करने का प्रस्ताव है।

आज सभी मण्डलों में विश्वविद्यालय के प्रारम्भ होने की प्रक्रिया चल रही है। राज्य सरकार द्वारा सरकारी विश्वविद्यालयों में 37 नियुक्तियों में 19 पद ओबीसी या एससी के है।

26 निजी विश्वविद्यालयों जिन्होंने आवेदन किया है उनके संचालकों में 11 ओबीसी व 1 मुस्लिम है। योगी सरकार ने सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का अपना संकल्प पूरा किया है।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने सदन में अपना वक्तव्य देते हुए बताया कि प्रदेश में उच्च शिक्षा का प्रसार करने हेतु उत्तर प्रदेश में नये राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए “उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019” अधिनियमित किया गया है।

एक नये विश्वविद्यालय एसकेएस इण्टरनेशनल विश्वविद्यालय, मथुरा की स्थापना हेतु मूल अधिनियम की अनुसूची-2 में संशोधन हेतु प्रस्ताव लाया गया।

अनुसूची-2 में क्रम संख्या-37 के बाद नव स्थापित विश्वविद्यालय के लिए क्रमांक संख्या बढ़ाकर 38 करने का प्रस्ताव है। अर्थात क्रमांक संख्या-38 पर एसकेएस इण्टरनेशनल विश्वविद्यालय, मथुरा प्रायोजक संस्था ब्रजवासी एजुकेशनल एण्ड वेलफेयर एसोसिएशन, मथुरा है। यह अधिनियम अब यूपी निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2024 कहा जायेगा।

पिछली सरकारों के समय चिकित्सा, शिक्षा दोनों पर ध्यान नहीं दिया गया था। 18 मण्डलों में से 6 मण्डलों में अभी तक एक भी सरकारी विश्वविद्यालय नहीं था।

निजी विश्वविद्यालय प्रारम्भ किये जाने के रास्ते नहीं खुले थे। जबकि शिक्षा संस्कार सिखाती है, रोजगार सिखाती है, नवाचार सिखाती है, शिक्षा सुसंस्कृत व्यवहार सिखाती है। शरीर के स्वास्थ्य और विकास के लिए चिकित्सा तथा मानस को स्वस्थ रखने और विकास के लिए शिक्षा अत्यन्त आवश्यक है वरना अशिक्षा मनुष्य को दो पैरो वाला जानवर बनाती है।

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अतः मनुष्य को शिक्षित करने के लिए आदमी से इंसान बनाने के लिए शिक्षा उपलब्ध कराना सुशासन वाली सरकार का कर्तव्य होना चाहिए। आज सभी मण्डलों में विश्वविद्यालय के प्रारम्भ होने की प्रक्रिया चल रही है। लगभग 26 निजी क्षेत्र की संस्थाओं को एलओआई दी जा चुकी है, इनमें से 12 विश्वविद्यालयों को एलओपी मिल चुकी है। इस तरह शिक्षा का विस्तार हो रहा है।

उन्होंने कहा शिक्षा मानव जीवन के विकास के लिए है इसे जातिगत दृष्टि से देखना दृष्टिदोष कहलायेगा। जबकि कल नेता प्रतिपक्ष इसमें भी पीडीए तलाश रहे थे। हम सबका विकास चाहते है। पढ़ने का नौकरी का प्रवेश का सबका अधिकार है। राज्य सरकार द्वारा सरकारी विश्वविद्यालयों में 37 नियुक्तियों में 19 पद ओबीसी या एससी के है।

26 निजी विश्वविद्यालयों जिन्होंने आवेदन किया है उनके संचालकों में 11 ओबीसी व 01 मुस्लिम है। यहां तक कि 06 राज्य विश्वविद्यालयों में 02 विश्वविद्यालयों राजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, आजमगढ़, एवं राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़ का नामकरण ओबीसी महापुरूषों के नाम पर किया गया है व 3 विश्वविद्यालयों-माॅ शाकुम्भरी देवी, सहारनपुर, माॅ पाटेश्वरी देवी, देवीपाटन तथा माॅ विंध्यवासिनी, मीरजापुर का संबंध आस्था केन्द्रों से है जिन पर सभी वर्गों की आस्था है जबकि 1 विश्वविद्यालय मुरादाबाद विश्वविद्यालय शाहजहाॅ के पुत्र मुराद के नाम पर बसे जनपद मुरादाबाद में स्थापित किया जा रहा है।

अतः योगी सरकार ने सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का अपना संकल्प पूरा किया है। हमारा देश अंत्योदय का है। हम सबको साथ लेकर चलने में विश्वास करते है।

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