लखनऊ: योगी सरकार जीबीसी 4.0 के माध्यम से यूपी को देश का ग्रोथ इंजन बनाने जा रही है। इसमें 10 लाख करोड़ से अधिक के निवेश के जरिये 14 हजार परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी।
इससे न सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर और अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी बल्कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में भटकना नहीं पड़ेगा। योगी सरकार इन निवेश परियोजनाओं के जरिये प्रदेश में 34 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी और रोजगार के साधन उपलब्ध कराने जा रही है।
जीबीसी की 14 हजार परियोजनाएं यूपी को बनाएंगी देश का ग्रोथ इंजन
यह नौकरियां विभिन्न सेक्टर्स में प्राप्त होंगी। इसमें ट्रेंड, अनट्रेंड सभी तरह के युवाओं के लिए अवसर उपलब्ध होंगे। पूर्वांचल से लेकर पश्चिमांचल तक और मध्यांचल से लेकर बुंदेलखंड तक युवाओं के लिए रोजगार की कमी नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराने को लगातार प्रयास कर रही है। इस क्रम में जीबीसी 4.0 मील का पत्थर साबित होगी।
10 लाख करोड़ के निवेश से लगेंगी कई परियोजनाएं
योगी सरकार ने जीबीसी 4.0 में जिन 14 हजार परियोजनाओं का शुभारंभ किया है। इनमें सबसे अधिक 52 प्रतिशत परियोजनाएं पश्चिमांचल, 29 प्रतिशत पूर्वांचल, 14 प्रतिशत मध्यांचल और 5 प्रतिशत बुंदेलखंड में धरातल पर उतरेंगी। जाहिर है इन क्षेत्रों में होने जा रहे इन निवेश के जरिए बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलने जा रहा है।
जो निवेश हो रहा है उसमें 10 हजार करोड़ से अधिक की 23 प्रतिशत परियोजनाएं हैं। वहीं 5 हजार से 10 हजार करोड़ की 12 प्रतिशत, एक हजार करोड़ से 5 हजार करोड़ की 20 प्रतिशत,
500 करोड़ से एक हजार करोड़ की 10 प्रतिशत, 100 करोड़ से 500 करोड़ की 20 प्रतिशत, 20 करोड़ से 100 करोड़ की 10 प्रतिशत और 20 करोड़ से कम की 5 प्रतिशत परियोजनाएं शामिल हैं।
लोगों को अपने राज्य में मिलेगा रोजगार, दूसरे राज्यों की ओर नहीं करना होगा रुख
इन परियोजनाओं में 21 प्रतिशत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, 13 प्रतिशत रिन्यूवल एनर्जी सेक्टर, आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स सेक्टर की 9 प्रतिशत, पॉवर सेक्टर की 8 प्रतिशत, फूड प्रोसेसिंग और रियल स्टेट सेक्टर की 6 प्रतिशत, एमएसएमई सेक्टर की 5 प्रतिशत और हॉस्पिटैलिटी एंड एंटरटेंमेंट,
वेस्ट मैनेजमेंट और एजुकेशन सेक्टर की 3-3 प्रतिशत की भागीदारी है। इसके अलावा हेल्थकेयर, वुड बेस्ड इंडस्ट्रीज, डिस्टलरी, डेयरी, कॉपरेटिव, हैंडलूम एंड टेक्सटाइल, फार्मा एंड मेडिकल डिवाइस और एनीमल हस्ब्रैंडी सेक्टर का भी अहम रोल है।
इन सभी सेक्टर्स में लोगों की डिमांड बढ़ेगी, जबकि यूपी के वो युवा जो दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं, उनके लिए भी वापसी संभव हो सकेगी।
स्किल्ड, अनस्किल्ड सभी को मिलेगा काम, पूर्वांचल से पश्चिमांचल तक सृजित होंगे रोजगार
बड़े प्रोजेक्ट्स के माध्यम से मिलने वाले रोजगार की बात करें तो इसमें कई प्रमुख संस्थान शामिल हैं। जैसे टोरेंट पावर लिमिटेड सोनभद्र में 22800 करोड़ का निवेश करेगी। इससे प्रदेश के 4800 युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसी तरह एम3एम इंडिया प्राइवेट लि. गौतमबुद्धनगर में 7500 करोड़ का निवेश करेगी।
फन यू टॉयज बीस हजार युवाओं को देगी रोजगार
इससे 14 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। वहीं एयर इंडिया सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. गौतमबुद्धनगर में 4 हजार करोड़ का निवेश करेगी। इससे पांच हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा फन यू टॉयज गौतमबुद्धनगर में 1052 करोड़ का निवेश करेगी, जिससे बीस हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।
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ये कंपनियां भी देंगी बड़े पैमाने पर रोजगार
- एडवर्ब टेक्नॉलीज- गौतमबुद्ध नगर में 500 करोड़ निवेश, रोजगार 2000
- ग्रीनको ग्रुप सोनभद्र में 17181 करोड़ का निवेश करेगी, जिससे 300 युवाओं को रोजगार
- IKEA ग्रुप- गौतमबुद्ध नगर में 4300 करोड़ का निवेश, रोजगार 500
- लोढ़ा ग्रुप- अयोध्या में 3000 करोड़ का निवेश, रोजगार 100
- शराफ ग्रुप- मुरादाबाद में 1250 करोड़ का निवेश, रोजगार 1250
- अशोक लीलैंड- लखनऊ में 1000 करोड़ का निवेश, रोजगार 500
- जेएसडब्ल्यू एनर्जी- सोनभद्र में 8000 करोड़ का निवेश, रोजगार 840
- टाटा टेक्नॉलाजी- लखनऊ में 4200 करोड़ का निवेश, रोजगार 450
- वरुण वेबरेज- प्रयागराज, अमेठी, गोरखपुर और चित्रकूट में 3500 करोड़ का निवेश, 1500 रोजगार
- सेंचुरी ग्रुप- मुरादाबाद में 4000 करोड़ का निवेश, रोजगार 800
- डालमिया सीमेंट-मिर्जापुर में 3000 करोड़ का निवेश, रोजगार 2500