यूपी महोत्सव में अवधी लोकगीत और शाने अवध का दिखा जलवा

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सेक्टर ई कमर्शियल पॉकेट ग्राउंड अलीगंज लखनऊ में चल रहे यूपी महोत्सव मैं रविवार को जबरदस्त भीड़ उनका उमंग और उत्साह अपनी चरम सीमा पर था फूड जोन झूला सहित सभी स्टालों पर आए भीड़ में जबरदस्त खरीददारी की।

प्रीति लाल और उनकी टीम द्वारा सांस्कृतिक मंच से एक से बढ़कर एक अवधी लोकगीत तथा शाने अवध के माध्यम से जबरदस्त प्रस्तुति प्रस्तुत की गई। सर्वप्रथम प्रीति लाल द्वारा गणेश वंदना ओम गणपति नमो नमः पहले मैं गणेश गौरी मनाऊं से आरंभ हुआ।

फिर जो सिलसिला शुरू हुआ मनोज कुमार शर्मा द्वारा गया कभी-कभी मेरे दिल में, जीना यहां, आ लौट के, प्रीति लाल द्वारा कहीं करती होगी, फूल तुम्हें, किसी राह में आकांक्षा द्वारा सावन कामहीना, चले जाना, डीके श्रीवास्तव द्वारा मैं तो एक ख्वाब हूं, जिंदगी ख्वाब है,

आकांक्षा धारा दिल की नजर से, मांग के साथ, हमसफर मेरे आजा रे अब, सुधीर श्रीवास्तव द्वारा पुकारता चलाहूं, जिस गली में तेरा, एक प्यार का नगमा है हम तुम चोरी से। अवधी लोकगीत को चित्रा श्रीवास्तव, गीता निगम और शशि सिंह ने यूपी मंच पर भारतीय परंपराओं को जीवंत किया।

यूपी महोत्सव संस्कृति कार्यक्रम में राजस्थानी नृत्य आस्था शर्मा, सिद्धि सिंह, अनुष्का सिंह, दीक्षा वर्मा, भव्य त्रिपाठी, तेजस्वी द्वारा बहुत ही मनमोहक अंदाज में पेश किया गया।

संजय श्रीवास्तव और उनकी टीम द्वारा यह दिल है पागल, जानम देख लो, टिप टिप बरसा पानी नजर के सामने जावेद हरीश सलीम इदरीश यशस्वी श्रीवास्तव आलोक श्रीवास्तव अर्चना गुड्डू द्वारा बहुत ही सुंदर तरीके से पेश किया गया।

सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह एवं उपाध्यक्ष एन बी सिंह ने दीप प्रज्वलित करके किया तथा महोत्सव में आए सभी का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया। महोत्सव मे आज प्रिया पाल (सांस्कृतिक मंच की अध्यक्ष), पवन पाल और शाश्वत सिंह मौजूद है।

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