एक सेलिब्रिटी कॉलमिस्ट, कला क्यूरेटर, इंटीरियर आर्किटेक्ट और इंटीरियर स्टाइलिस्ट निशा जामवाल ने आज के मॉडर्न जमाने की भारतीय कलाकार लता बालकृष्ण की मींडरिंग्स प्रस्तुत की, जिनकी कला उन्होंने ताजमहल होटल आर्ट गैलरी में प्रदर्शित की, जिसमें प्रसिद्ध एमएफ हुसैन और एफएन सूजा के कार्यों का भी प्रदर्शन किया गया है।
निशा जामवाल द्वारा पेश किया गया ये पांच दिवसीय कला उत्सव, इस साल का कोविड के बाद का सबसे चर्चित कार्यक्रम था। प्रसिद्ध कला संग्रहकर्ता, कला प्रेमी,कौंसुल जनरल, लेखक, शीर्ष पुलिस आयुक्त, कॉर्पोरेट जगत के सीईओ, अभिनेता, गायक, मॉडल, फैशन डिजाइनर, निशा जामवाल के सभी दोस्त, रेका काला घोड़ा में एक ग्रैंड डिनर के साथ शुरू हुए इस शो में शामिल हुए।
अद्भुत मेजबानी में प्रस्तुत किए गए लता बालकृष्ण के ‘मींडरिंग्स’
चमक-धमक से भरपूर इस बेहद रंगीन इस शाम में लगे पेंटिंग में बने सफेद रंग की टेक्सचर्ड और बादलों के कंपन और पानी की खूबसूरती मेहमानों को मंत्रमुग्ध कर रही थी जो हमें जीवन के यथार्थ की खोज में ले जाते हैं। मरियम अकबर खान के गोल्डन रंग के गाउन में बेहद हसीन लग रही निशा जामवाल ने शो ‘मींडरिंग्स’ में काम के बारे में बात की।
इसमें लता की जीवन की यात्रा के सही अर्थ के बारे में सवालों के साथ दिखाया गया। इस अवसर पर जापानी कौंसुल जनरल डॉ फुकाहोरी यासुकाता, कोबी शोशानी इज़राइल कौंसुल जनरल , कौंसुल जनरल तुर्की तोल्गा काया, लेखक अश्विन सांघी, उस्ताद अनूप जलोटा, रूप कुमार राठौड़, सारा खान, तनाज ईरानी, ल्यूक केनी, डिजाइनर ईशा अमीन, एमी बिलिमोरिया,पल्लवी जयकिशन, सोशलाइट रोशनी दमानिया, परवेज दमानिया, शशि बंसल, मालती जैन, निदान गोवानी सहित सितारों का मेला लगा हुआ था।
निशा जामवाल के अनुसार लता बालकृष्ण ने मुझेआमंत्रित किया, जैसा कि कई कलाकार करते हैं कि मैं उनके लिए एक शो की मेजबानी करूं। मैं ज्यादा उम्मीद किए बिना चली गयी जैसा कि मैं हमेशा करती हूं। मैं छाया और धूप की चीयरोस्कोरो, बहते पानी में रंगों की बौछार को देख मैं उसकी दुनिया में खींची चली गयी।
जहां ‘मैंडरिंग’ का टाइटल मेरे दिमाग में इसलिए नही आया क्योंकि जलंधर की रहनेवाली, बचपन से ही दुनिया घूमने की अभिलाषी और कुछ अलग ढूंढने की उसकी प्यास थी जबकि मैंने उसके दिमाग मे कला के लिए एक यात्रा भी देखी। जो अपने आप मे अद्भुत हैं”।
पूरी दुनिया में महिलाओं को मल्टीटास्किंग चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और घर और बाहर के कामों को मैनेज करना होता हैं। यहां तक की चैंपियन को भी जीवन मे आनेवाली चुनौतीपूर्ण बाधाओं के ऊपर चलना होता हैं जी जिंदगी उनको देती हैं।
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बाहर काम करना, और घर भी चलाना,बच्चे पैदा करना और उनका पालन-पोषण करना, परिवार की जरूरतों की देखभाल और प्रबंधन करना- एक भारतीय और संयुक्त परिवार और जहाँ पुरुषों को सबसे ऊपर समझा जाता हैं उन भावनाओ को खोदना और उसे कैनवास पर उतनी ही खूबसूरती से उभाराना बहुत बड़ी कला हैं”।
मैं लता के कैनवास पर उतारी गई, इन भावनाओं को देख स्तब्ध हो गयी, जो जीवन के विभिन्न रंग, संस्कार और सामाजिक रूढ़िवादी परंपरा और गहरी सोच को दिखाती हैं”।