जीव विज्ञान एवं जैव चिकित्सा विज्ञान में कैरियर विकास के नए विकल्पों को जाना

0
188

लखनऊ : सीएसआईआर – केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान लखनऊ (सीएसआईआर-सीडीआरआई), ने ट्रस्ट फॉर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग इन साइटोमेट्री (टीईटीसी) इंडिया, के सहयोग से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य बायोलॉजिकल और बायोमेडिकल साइंसेस में विभिन्न करियर विकल्पों (पथों) के बारे में जानकारी देना था।

बायोलॉजिकल और बायोमेडिकल साइंसेस में विभिन्न करियर विकल्पों पर संगोष्ठी

सीडीआरआई सभागार में आयोजित संगोष्ठी में भारत के विभिन्न हिस्सों से रिसर्च स्कॉलर, प्रौद्योगिकीविदों एवं पोस्टडॉक्टरल स्कॉलर सम्मलित हुए। संगोष्ठी में कॉर्पोरेट, उद्योग, शिक्षा, संचार, व्यवसाय तथ सरकारी संगठनों आदि में शोध एवं अनुसंधान तथा वैज्ञानिक पदों एवं उससे आगे के क्षेत्रों के बारे में अमूल्य जानकारी प्रदान की।

संगोष्ठी की शुरुआत में, टीईटीसी, इंडिया की सह-संस्थापक और आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ. रेखा गौर ने टीईटीसी संगठन के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा की टीईटीसी इंडिया का उद्देश्य बायोमेडिकल छात्रों, प्रौद्योगिकिविदों, वैज्ञानिकों आदि को एक मंच प्रदान करना है,

जहां वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से सीधे फ्लोसाइटोमेट्री में शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्राप्त कर एक कम्युनिटी के तौर पर इस क्षेत्र में कार्य कर सके।

आयोजन समिति सचिव डॉ. मृगांक श्रीवास्तव और डॉ. हेमंत अग्रवाल ने अपने संबोधन के माध्यम से प्रतिभागियों को उनके शोध करियर के लिए इस अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन के औचित्य के बारे में जानकारी दी।

मुख्य अतिथि डॉ. नैबेद्य चट्टोपाध्याय ने अनुसंधान एवं विकास में फ्लो साइटोमेट्री अनुप्रयोगों को लोकप्रिय बनाने के लिए टीईटीसी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और संगोष्ठी की शुरुआत की घोषणा की साथ ही प्रतिभागियों से इसमें खुले दिमाग से भाग लेने के लिए कहा।

संगोष्ठी का पहला सत्र निजी एवं कॉर्पोरेट क्षेत्र में आर एंड डी तथा वैज्ञानिक अवसरों पर आधारित था जिसमें सिनजीन इंटरनेशनल, बैंगलोर के प्रमुख अन्वेषक, डॉ. माइकल डिसिल्वा ने कॉर्पोरेट आर एंड डी में उपलब्ध वैज्ञानिक अवसरों के बारे में चर्चा की, और जानकारी दी की छात्र इसमें कैसे शामिल हो सकते हैं।

ये भी पढ़ें : फ्लो साइटोमेट्री एवं जैविक विज्ञान में इसके उन्नत अनुप्रयोग पर वर्कशॉप सात फरवरी से

जबकि डॉ. अरविंदर सिंह, निदेशक, ह्यूमन डायग्नोस्टिक्स गुड़गांव, ने भारतीय परिप्रेक्ष्य से कॉर्पोरेट्स सैक्टर में उपलब्ध असंख्य वैज्ञानिक करियर अवसरों पर प्रकाश डाला।

डॉ आयुष मिश्रा, एनर्वेया, पुणे के सीआईएनओ, ने कंपनी स्टार्टअप और उद्यमिता पर अमूल्य अवलोकन प्रदान किया, जिससे उपस्थित लोगों को विचार, नवाचार और सतत विकास के क्षेत्रों संबंधी जानकारी मिली।

अगला सत्र सरकारी क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास हेतु कैरियर के अवसरों पर केंद्रित था। सीएसआईआर-सीडीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. नैबेद्य चट्टोपाध्याय ने पोस्टडॉक्टरल अनुसंधान के लिए सफल रणनीतियों के बारे में बात की,

जबकि सीएसआईआर-सीडीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. समन हबीब ने सरकारी संगठनों में वैज्ञानिक अवसरो के बारे में बात की।

डॉ. एसके वार्ष्णेय ने सरकारी संगठनों के पास उपलब्ध फंडिंग/अनुदान अवसरों के बारे में विस्तार से बताया। वहीं, फ्लो साइटोमेट्री सॉल्यूशंस, जयपुर के निदेशक डॉ. हेमंत अग्रवाल ने बताया कि छात्र फ्लो साइटोमेट्री में अपना करियर कैसे बना सकते हैं

संगोष्ठी के अंत में डॉ मनोज बर्थवाल एवं डॉ रेखा गौड़ की अध्यक्षता में एक प्रभावी पैनल डिस्कशन हुआ, जिससे वक्ताओं और प्रतिभागियों के बीच बातचीत को बढ़ावा मिला। इस आदान-प्रदान ने छात्रों को गहन ज्ञान प्राप्त करने, सलाह लेने एवं बायोलॉजिकल और बायोमेडिकल साइंसेज में विभिन्न कैरियर को जानने का अवसर प्रदान किया।

टीईटीसी सर्वश्रेष्ठ प्रकाशित शोधपत्र पुरस्कार 2024 (अनुसंधान)

इस संगोष्ठी में, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के डॉ. नरेश सचदेवा को सीडी4+टी कोशिकाओं में टीएलआर9 सिग्नलिंग सक्रियण पर उनके काम के लिए टीईटीसी बेस्ट पब्लिश्ड पेपर अवार्ड 2024 (शोध) से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने निष्कर्षों के बारे में एक व्याख्यान भी दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here