रचनात्मकता को मिला मंच, एसकेडी में फाइन आर्ट्स कार्यशाला ने बिखेरा रंग

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श्री कृष्ण दत्त अकादमी, वृंदावन, लखनऊ में आयोजित छह दिवसीय फाइन आर्ट प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन रोचक कलाकृतियों की प्रदर्शनी के साथ हुआ। कार्यक्रम का नेतृत्व सहायक निदेशिका(शैक्षणिक), कुसुम बत्रा ने किया।

मुख्य अतिथि डायट लखनऊ के प्राचार्य अजय सिंह तथा विशिष्ट अतिथि प्रीति त्रिवेदी, निदेशक, कर्नल एसएन मिश्रा ओबीई मेमोरियल स्कूल ने दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती की आराधना के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

प्रशिक्षक नमित वर्मा ने बताया कि क्ले आर्ट, जिसे क्ले मॉडलिंग भी कहा जाता है, मिट्टी को विभिन्न आकृतियों में ढालने की कला है।

इसके माध्यम से सिरेमिक, आभूषण, चित्र आदि तैयार किए जाते हैं। यह एक त्रिआयामी कला है जिसमें टेराकोटा, मिट्टी के बर्तन, स्टोनवेयर, पोर्सलीन, बहुलक मिट्टी और एयर-ड्राई क्ले जैसी विभिन्न प्रकार की मिट्टियाँ उपयोग की जाती हैं।

प्रशिक्षुओं ने दिए गए निर्देशों के अनुसार अपनी कलाकृतियाँ बनाईं, जिनका अतिथियों ने अवलोकन कर सराहना की। बच्चों और बड़ों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विभिन्न आकृतियों के फूलदान तैयार किए।

कार्यशाला के दौरान बच्चों को कैनवस पेंटिंग, डिजिटल पेंटिंग, फोटोग्राफी और क्ले मॉडलिंग जैसी फाइन आर्ट की विधाओं से परिचित कराया गया।

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इस आयोजन की थीम पर्यावरण संरक्षण, प्रकृति की सुंदरता और उसे संवारने पर आधारित थी। प्रशिक्षकों—लोकेश वर्मा, राजकिरण द्विवेदी और नमित वर्मा—ने प्रतिभागियों को बारीकी से फाइन आर्ट की तकनीकें सिखाईं।

प्रदर्शनी में शामिल कलाकृतियों को देखकर अतिथियों ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया, जिससे उनमें रचनात्मक और सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास हुआ। शिक्षिका एवं समाजसेविका श्रीमती रीना त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं प्रत्येक स्कूल में होनी चाहिएं।

मनीष सिंह, निदेशक, एसकेडी ग्रुप ऑफ एजुकेशन ने बीएफए विभाग को 6 दिवसीय फाइन आर्ट्स कार्यशाला के सफल संचालन एवं समापन पर अपनी शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद प्रदान किया।

उन्होंने विभाग की रचनात्मकता, समर्पण और उत्कृष्ट आयोजन की सराहना करते हुए विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। निश्चित रूप से, श्री कृष्ण दत्त अकादमी के तत्वावधान में आयोजित यह एक सप्ताह की कार्यशाला सभी के लिए अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायी सिद्ध हुई।

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