लखनऊ में पूर्व विधान परिषद सदस्य कांति सिंह की जीवनी, देश की प्रतिष्ठित लेखिका रेनू सैनी द्वारा रचित “छूना है आसमान” का भव्य विमोचन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (सांसद) के कर-कमलों द्वारा हुआ।
यह पुस्तक कांति सिंह के संघर्ष, संकल्प और सेवा से भरे जीवन को समर्पित है। अपने भावपूर्ण भाषण में अखिलेश यादव ने कहा: “किताब का शीर्षक ही बताता है कि जीवन भर संघर्ष करना होता है, क्योंकि आसमान कभी पूरी तरह छुआ नहीं जा सकता।
पाठक जब ऐसी जीवनी पढ़ते हैं, तो प्रेरणा स्वतः मिलती है। शिक्षा से जुड़ी किसी शख्सियत की जीवनी समाज को कई दिशाओं में रोशनी देती है। यह जीवनी असफल या संघर्षरत लोगों को सशक्त बनाएगी। शिक्षा हमें सकारात्मक, विनम्र और सहयोगी बनाती है — यह शोषण नहीं, पोषण करती है। कांति सिंह समाज में नई क्रांति लाने का कार्य कर रही हैं।”
इस अवसर पर लखनऊ पब्लिक स्कूल्स एंड कॉलेजेस के संस्थापक डॉ. एस.पी. सिंह , सांसद ने कहा,”‘छूना है आसमान’ सिर्फ एक पुस्तक नहीं, बल्कि एक संदेश है — उन तमाम महिलाओं के लिए जो जीवन में संघर्ष कर रही हैं, लेकिन उनके मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना है।
यह पुस्तक उन्हें संबल, साहस और स्पष्ट दिशा प्रदान करेगी।”अपने भाषण में कांति सिंह जी ने भावुक होकर कहा: “मेरे जीवन की प्रेरणा डॉ. एस.पी. सिंह जी रहे हैं। उनके स्नेह, शिक्षण और मार्गदर्शन में ही मैंने यह संकल्प लिया और इस मुकाम तक पहुँची। यह पुस्तक मेरी नहीं, उनके विचारों और मूल्यों का प्रतिबिंब है।”
इस गरिमामय अवसर पर अनेक विशिष्ट अतिथिगण मंच पर उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे: आर. के. चौधरी (सांसद, मोहनलालगंज), सुशील कुमार (प्रबंध निदेशक, लखनऊ पब्लिक स्कूल्स एण्ड कॉलेजेज), हर्षित सिंह एवं श्री शिखर पाल सिंह (जनरल मैनेजर्स), गरिमा सिंह, (डायरेक्टर),
निकिता सिंह (डायरेक्टर), रेनू सैनी (लेखिका), राखी सैनी (समीक्षक), राकेश चौधरी (पूर्व अपर महाधिवक्ता, उत्तर प्रदेश), राजेन्द्र चौधरी (पूर्व मंत्री एवं मुख्य प्रवक्ता, समाजवादी पार्टी),
जूही सिंह, ग्रेस अरुण, अनूप सिंह पटेल (प्रदेश अध्यक्ष जे.डी.यू.) पूजा शुक्ला, शान भटनागर,इतिश्री मिश्रा, ताहा अहमद, दूधनाथ पटेल, डॉ. पंकज कुमार यादव, के.के. वर्मा, डॉ. मानव सिंह, सुरेन्द्र सिंह वर्मा, सहित अनेक विशिष्ट जन।
विमोचन के बाद में पैनल डिस्कशन हुआ जिसमें लेखिका ने विभिन्न सवालों के जवाब दिए और कांति सिंह ने अपनी पुस्तक के संबंध में अपने अनुभव साझा किया। लेखिका रेनू सैनी ने कहा कि यह जीवनी न केवल एक महिला की यात्रा है, बल्कि यह सामाजिक चेतना, आत्मनिर्भरता और प्रेरणा का दस्तावेज़ है।
उन्होंने बताया कि पुस्तक लेखन के दौरान उन्हें कांति सिंह जी के व्यक्तित्व के कई प्रेरणास्पद पहलुओं को गहराई से जानने का अवसर मिला।
समारोह का समापन एलपीसीपीएस डायरेक्टर गरिमा सिंह द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी आगंतुकों, वक्ताओं, लेखकों, शिक्षकों, आयोजकों और उपस्थित जनसमूह के प्रति आभार व्यक्त किया।
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