फिल्म गणपत को लेकर विकास बहल इन दिनों सुर्खियों में हैं। फिल्म में टाइगर श्रॉफ के साथ कृति सेनन नजर आई हैं। विकास की गणपत भविष्य पर आधारित एक विज्ञान-फाई थ्रिलर फिल्म है, जो निर्देशक की अब तक की सबसे महत्वकांक्षी योजना थी।
हाल ही में दिए इंटरव्यू में विकास ने फिल्म को बनाने की यात्रा के बारे में बात की और उन्होंने इस दौरान सामने आने वाली चुनौतियों का भी खुलासा किया।
गणपत एक डिस्टोपियन पर आधारित है, जिसमें टाइगर श्रॉफ एक मसीहा जैसा किरदार निभा रहे हैं। इस बारे में बात करते हुए कि वह एक विज्ञान-फाई फिल्म का निर्देशन कैसे करने आए, उन्होंने कहा, “मैं यह कहानी लिख रहा था और जैसे-जैसे मैं इसे लिख रहा था, समय के साथ यह बदल गई।
मुझे खुद ही पता नहीं चला कि कब यह कहानी भविष्य की कहानी बन गई, तब मुझे एहसास हुआ कि मैंने खुद को इस स्थिति में डाल दिया है, जहां मैंने यह कहानी बनाई है कि मैं भी नहीं जानता कि कैसे बताऊं, लेकिन मुझे पता था कि मुझे ऐसा करना होगा।
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विषय और शैली को लेकर अपनी सबसे बड़ी चुनौती के बारे में बात करते हुए विकास ने कहा, “जब आप कोई ऐसी कहानी बताते हैं, जो भविष्य पर आधारित होती है तो आपने उसे नहीं देखा होता है। किसी के पास नहीं है।
हर किसी के दिमाग में अपना-अपना संस्करण चल रहा है। कुछ भी सही या गलत नहीं है। अब से 30 साल बाद हम नहीं जानते कि हम उड़ने वाली कार में होंगे या बैलगाड़ी में वापस आएंगे। मैं हर किसी को अपनी कल्पना के अनुरूप बनाना चाहता था और अपनी टीम से यह भी सुनना चाहता था कि उनकी कल्पना क्या है, उनका संस्करण क्या है।
उन्होंने इस फिल्म को लिखने के बाद खुद पर संदेह करने की भी बात कही। उन्होंने कहा, “इस यात्रा के हर सेकंड में मुझे लगा कि क्यों यह पंगा ले लिया, मैं इसमें क्यों आया।
मैंने सोचा कि मैं अपने कम्फर्ट जोन में रह सकता था।, लेकिन यह एक अच्छा एहसास था। वह संदेह और घबराहट लगातार बनी हुई थी।
मैंने इसे कभी नहीं छोड़ा, क्योंकि मैं ऐसा ही महसूस करना चाहता था, ताकि मैं सीखता रहूं। मैं हमेशा एक छात्र बने रहना चाहता हूं। सीखने के लिए वो घबराहट जरूरी है। वह सीख तकनीकी या भावनात्मक हो सकती है, लेकिन आपको उसे जारी रखना होगा।