हाथ में दस टांके, दर्द से बुरा हाल, अबु हुबैदा के हौसले को सलाम

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लखनऊ। बाएं हाथ में कलाई के ऊपर का मांस फटा हुआ, तिस पर भी हाथ में दस टांके। ऐसे हालत में होने वाले दर्द के बारे में आप सोच सकते है लेकिन जब दिल में देश का परचम लहराने का जुनून हो तो यह दर्द भी भूल गया।

इजिप्ट ओपन पैरा बैडमिंटन में लखनवी व्हीलचेयर शटलर ने दिखाया कमाल

यहां बात हो रही है लखनऊ के इंटरनेशनल पैरा शटलर अबु हुबैदा की, जिन्होंने कायरों (इजिप्ट) में आयोजित इजिप्ट ओपन पैरा बैडमिंटन में युगल में स्वर्ण पदक जीता जबकि एकल में रजत पदक अपने नाम किया।

युगल में जीता स्वर्ण पदक, एकल में रजत पदक किया अपने नाम

दरअसल एकल और युगल फाइनल शुरू होने में 2 घंटे का समय शेष था। व्हीलचेयर शटलर अबू हुबैदा अपने होटल की लिफ्ट से बाहर निकलते समय गिर गए। बाएं हाथ में कलाई के ऊपर का मांस फटने के बाद उन्हें दस टॉंके भी लगाए गए।

फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और हाथ में पट्टी बांधकर कोर्ट में उतर पड़े। उन्होंने पहले एकल और फिर युगल फाइनल खेला।

रविवार को एकल फाइनल में अबू को हमवततन सिद्धाना शौकर के हाथों हार मिली। सिद्धाना ने तीन गेम तक चले 45 मिनट के इस मुकाबले में 17-21, 21-17, 21-15 से जीत दर्ज की।

इसके बाद अबु ने युगल में अपने जोड़ीदार प्रेम आले के साथ शानदार खेल दिखाते हुए खिताबी जीत दर्ज की। बहरहाल इस जीत के साथ अबू ने पेरिस ओलंपिक क्वालिफाई करने की ओर एक कदम और बढ़ा दिया।

अबु और प्रेम की फाइनल में स्पन के एल फर्नांडीज और फ्रांसिस्को की जोड़ी से टक्कर हुई। इस मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने 21-15, 21-18 से खिताबी जीत दर्ज की। अबु के अनुसार पहले तो चोट देखकर काफी घबराहट हुई लेकिन आंखों के सामने पेरिस पैरालंपिक के में खेलने का सपना पल रहा था तो मैं हौसले के साथ उतर पड़ा।

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हालांकि एकल फाइनल में काफी तेज दर्द से परेशान रहा लेकिन युगल फाइनल जब खेला तब तक तो दर्द की आदत पड़ गयी थी। वही जोड़ीदार प्रेम के साथ ने कहानी लिख डाली।

अबु के कोच गौरव खन्ना (द्रोणाचार्य अवार्डी, पद्मश्री) ने कहा कि अबु के हौसले को देखकर मैं हैरान रह गया। अब तो इंतजार है कि वो पैरालंपिक में खेलने का अपना साकार कर सके।

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