नेताजी सुभाष संगठन ने अमर शहीदों और उनके माता-पिता के नाम पर किया वृक्षारोपण

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लखनऊ। नेताजी सुभाष संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित पांडेय के नेतृत्व में आजादी के महानायक एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल पांडेय की पावन जयंती के अवसर पर मंगल सुभाष सेन्टर अम्बेडकर नगर पर एक पौध शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया।

अमर शहीद मंगल पाण्डेय समेत सभी क्रांतिकारियों को वृक्ष के रूप में जीवित रखेंगे : अमित पांडेय

राजधानी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अमित पाण्डेय ने बताया कि वन विभाग के सौजन्य से स्वतन्त्रता संग्राम के अमर बलिदानियों मंगल पांडेय से लेकर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस तक ज्ञात अज्ञात सभी के नाम से अनेक फलदार पौधों का रोपण किया गया, जिसमें शहीदों के परिवार व उनके माता-पिता के नाम से विशेष तौर पर पौधारोपण किया गया।

इस पुनीत अवसर पर अनेक वीरांगनाओं एवं अमर शहीदों के माता और पिता को भी याद किया गया जिन्होंने इस धरा पर ऐसे वीर सपूत एवं नारी शक्ति को जन्म दियाजिसके कारण ही आज हम आजाद हैं और खुली हवा में सांस ले रहे हैं।

इस कार्यक्रम में सम्मिलित तमाम ग्रामीणों ने भी अपने-अपने माता – पिता के नाम से भी पौधारोपण किया साथ ही पौधों के संरक्षण का भी संकल्प लिया । इस अवसर पर अमित पाण्डेय ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा आज पूरे विश्व की सबसे ज्वलंत समस्या पर्यावरण- प्रदूषण है।

इस पृथ्वी को रहने लायक बेहतर बनाने के लिए हम सभी को अपने-अपने स्तर पर गंभीर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ यह कहना चाहता हूं कि यह एक बहुत बड़ी सामाजिक जिम्मेदारी हम सभी की है जिसे हम सबको संकल्पबद्ध होकर अच्छी तरह निर्वहन करना होगा।

समस्या चाहे देश के भीतर हो या प्रदेश के भीतर, चाहे जिले के अन्दर हो या गांव के अन्दर हो, किन्तु प्रयास तो हम सब को ही मिलकर करना पड़ेगा। उनका कहना था कि हमारी संस्कृति और इतिहास बहुत ही समृद्धशाली है।

पूरी दुनिया जानती है कि भारत का पारंपरिक रहन-सहन कृषि-बागवानी पर निर्भर है, जिसका मूल में गांव ही है और भारत के प्रत्येक गांव में देश की संस्कृति के दर्शन हो जाएंगे। यहां का खान-पान यहां की समृद्ध वनस्पतियां हमारी पहचान है इसीलिए सभी भारतीयों को अपनी-अपने संस्कृति से बहुत गहरा जुड़ाव है।

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उन्होंने पर्यावरण के खतरों के प्रति आगाह करते हुए कहा कि इसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव आने वाले संततियों पर पड़ेगा और हम उनके लिए कौन-सी सौगात छोड़ कर जायेंगे?

अभी से हमें अपनी क्षमताओं को पहचान कर पर्यावरण संरक्षण पर अभी से लगातार प्रयत्न करना होगा तभी यह धरती रहने लायक बच पायेगी अन्यथा विनाश निश्चित है। इस विशेष कार्यक्रम में अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहें।

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