यूपी में कूड़ा प्रबंधन क्षमता को दोगुना करने की तैयारी

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना द्वारा प्रदेश की नगरीय व्यवस्थापन एवं कूड़ा प्रबंधन को लेकर किए गए सवाल के जवाब में कहा कि बढ़ते शहरीकरण के साथ ही सॉलिड और लिक्विड वेस्ट का प्रबंधन करना देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।

प्रतिदिन 12,862 टन अतिरिक्त सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट क्षमता बढ़ाएगी सरकार

इसे ध्यान में रखते हुए कूड़ा प्रबंधन क्षमता को दोगुना करने की तैयारी में नगर विकास विभाग जुटा है। शहरों से प्रतिदिन निकलने वाले हजारों टन कूड़े को प्रोसेस करके न केवल सड़कें बनाई जा रही हैं, बल्कि वेस्ट टू वंडर योजना के तहत पार्कों का भी निर्माण किया जा रहा है।

यूपी में प्रतिदिन निकलता है 20 हजार टन कूड़ा

उन्होंने बताया कि कूड़ा प्रबंधन के मामले में उत्तर प्रदेश बेहतर स्थिति में है। इसके अलावा प्रदेश के नगरों की एयर क्वालिटी भी देश के तमाम शहरों से बहुत अच्छी है। प्रदेश में प्रतिदिन 20 हजार टन सॉलिड वेस्ट निकलता है, हालांकि अभी फिलहाल 15 हजार टन सॉलिड वेस्ट को प्रॉसेस किया जाता है।

फिलहाल 15 हजार टन सॉलिड वेस्ट को किया जाता है प्रतिदिन प्रॉसेस

सरकार इस क्षमता को तकरीबन दोगुना करते हुए 12,862 टन प्रतिदिन का इजाफा करने जा रही है। प्रदेश में फिलहाल 933 एमआरएफ सेंटर अभी बनाए गए हैं, जिनमें से 711 कार्यरत हैं, जहां पर सूखे और गीले कचरे को अलग कर सॉलिड वेस्ट को प्रोसेस करने का कार्य हो रहा है।

कूड़ा प्रबंधन के लिए लगे संयंत्रों में हजार्ड्स (hazardous) और नॉन हजार्ड्स (non hazardous) कचरे को भी अलग-अलग करके प्रोसेस किया जाता है।

वेस्ट मैनेजमेंट का उत्कृष्ट उदाहरण है ‘यूपी दर्शन पार्क’

प्रदेश सरकार ने सॉलिड वेस्ट को प्रॉसेस कर इससे सड़कों और पार्कों का निर्माण किया जा रहा है। लखनऊ में न्यू हाईकोर्ट और पुलिस मुख्यालय के पास की रोड को अबर्न वेस्ट को प्रॉसेस करके बनाया गया है।

711 एमआरफ सेंटरों के जरिए कूड़े को प्रॉसेस करके सड़कें और पार्क बना रही सरकार

कूड़े को प्रतिदिन घरों से उठाकर एमआरएफ सेंटर में ले जाकर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और एयर प्रेशर के माध्यम से प्रॉसेस किया जाता है। प्रोसेस्ड मैटेरियल का तीन प्रकार से उपयोग होता है। इसमें प्राइवेट वेंडर्स को प्लास्टिक का री-यूजेबल मैटेरियल देना, सड़कें बनाना और वेस्ट टू वंडर पार्क बनाने में उपयोग शामिल है।

लखनऊ में वेस्ट टू वेंडर पार्क के रूप में विकसित किया गया है ‘यूपी दर्शन पार्क’

राजधानी लखनऊ में पांच एकड़ में वेस्ट टू वेंडर पार्क के रूप में ‘यूपी दर्शन पार्क’ का निर्माण हुआ है, जो कूड़े के प्रबंधन का उत्कृष्ट मिसाल है।

आगरा, गोरखपुर और मीरजापुर सहित विभिन्न जनपदों में बनाए गये हैं वेस्ट टू वेंडर पार्क

इसके अलावा हैपिनेस पार्क और आगरा, गोरखपुर, मीरजापुर सहित अन्य नगरों में वेस्ट टू वेंडर पार्क का निर्माण किया गया है। उन्होंने विपक्ष से लखनऊ में बने वेस्ट टू वेंडर पार्क का अवलोकन करने को कहा, जहां पर बेस्ट मटेरियल को प्रोसेस करके ताजमहल और बांके बिहारी मंदिर तक बनाए गए हैं।

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