मयूर नृत्य रासलीला से कृष्णमय हुआ बंदी माता का वार्षिकोत्सव

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लखनऊ। बंदी माता मंदिर, डालीगंज के 42वें वार्षिकोत्सव के छठे दिन गुरुवार का आरंभ विशेष अनुष्ठान गुरु पूजन से हुआ। विभिन्न प्रांतों से आए संत-महात्माओं ने पंच दशनाम जूना अखाड़ा, काशी के उपाध्यक्ष, गुरु महंत देवेंद्रपुरी का मंत्रोच्चार, शंख की ध्वनियों के बीच शिष्यों ने चंदन तिलक कर, चरण धो कर पूजन किया। संत-महात्माओं ने मंगल कामना की।

बंदी माता मंदिर वार्षिकोत्सव, छठा दिन

दिन में मथुरा की मह‌भागवत कथा वाचक रोली शास्त्री ने भगवान कृष्ण के कालिया नाग को वश में करने, राक्षसों का वध सहित अन्य प्रसंगों का मार्मिक वर्णन किया। मंदिर की महंत पूजापुरी ने बंदी माता की विशेष आरती की। विभिन्न प्रांतों से संत सम्मेलन में आए।

विशेष रूप से पंचदशनाम संयासिनी जूना अखाड़ा, हरिद्वार की अध्यक्ष महंत अराधना गिरी समेत अनेक महात्माओं ने बंदी माता मंदिर का पूजन किया।

गुरु पूजन, श्रीमद्भागवत, रासलीला का हुआ आयोजन

छठे दिन की सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाकार राजेंद्र त्रिपाठी व साथी कलाकारों ने मनमोहक मयूर नृत्य प्रस्तुत कर पूरा वातावरण कृष्णमय कर दिया।

इससे पहले मुख्य मंच पर मुख्य अतिथि पार्षद रणजीत सिंह, विशिष्ठ अतिथि महादेवा अटरिया आश्रम के व्यवस्थापक संदीप सिंह, दूरदर्शन केंद्र लखनऊ के कार्यक्रम अधिशासी सम्स हैदर नकवी का बंदी माता अखाड़ा समिति की ओर से महंत मनोहरपुरी ने भव्य स्वागत अभिनंदन किया।

इस दौरान प्रमुख रूप से महंत राकेशपुरी, महंत पूजापुरी, माती से सुमेरपुरी बाबा, चिनहट मटेरा के महंत संतोषपुरी, छिंदवाड़ा के महंत अभिषेकपुरी, बागपत के भास्करपुरी, राजूपुरी, महंत सावनपुरी, वरिष्ठ पत्रकार राजेश जोशी ने सहित अनेक नागरिक मौजूद रहे।

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