विधायक राजेश्वर सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में निकाले मार्च को कहा गैर जरुरी

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने अपना मौन तोड़ते हुए हमास आतंकवादी संगठन द्वारा इज़राइल के लोगों की बेरहमी से हत्या करना और उन्हें बंदी बनाने को निंदनीय बताया और हमास के हमलों के पीड़ितों के सम्मान में एक क्षण का मौन रखा।

तो वहीँ यूनाइटेड अरब एमिरात ने भी आतंकवादी संगठन हमास के हमले को घिनौना बताया तथा इजरायली नागरिकों के अपहरण को स्तब्ध करने वाली घटना बताया।

हमास के अत्याचारों पर कांग्रेस की चुप्पी को निंदनीय करार दिया

दुनिया भर से जहां एक तरफ इसराइल को सपोर्ट मिल रहा है तो वहीँ कांग्रेस पार्टी इस मामले पर कुछ बोलने से परहेज कर रही है, विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने हमास की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई पर चुप्पी साधने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) की कड़ी आलोचना की है.

उन्होंने इसे “व्यक्तिगत मुस्लिम तुष्टीकरण” का मामला बताया और हमास के नाजी जैसे व्यवहार की निंदा करने में कांग्रेस की विफलता पर निराशा व्यक्त की।

एक तीखे बयान में, डॉ. सिंह ने सवाल किया कि क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि केवल एक नाजी/फासीवादी समर्थक ही इस जघन्य बर्बरता को नज़रअंदाज़ कर सकता है, जो इज़राइल के निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के साथ किया जा रहा है, जिन पर वहां पवित्र अवकाश पर अकारण हमला किया गया था ??

उन्होंने कम से कम हमास के नियंत्रण में निहत्थे बंधकों की बिना शर्त रिहाई की वकालत करने की कांग्रेस की जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला। डॉ. सिंह ने कांग्रेस से इस मामले पर अधिक सैद्धांतिक रुख अपनाने और राजनीतिक तुष्टीकरण के आगे नहीं झुकने की सलाह दी।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा इसराइल के विरोध और हमास के सपोर्ट में बीते रविवार को मार्च निकला गया जिसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ राजेश्वर सिंह ने अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया मार्च अनावश्यक बताया!

विधायक राजेश्वर सिंह ने कहा कि AMU के छात्रों को सबसे पहले HAMAS द्वारा महिलाओं और बच्चों पर हुए भीषण हमले की निंदा करनी चाहिए थी। उन्हें यूपी में हमारे शांतिपूर्ण माहौल को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

एक प्रमुख संस्थान के छात्र होने के नाते भारतीय संविधान के आदर्शों के अनुरूप उनकी जिम्मेदारी अधिक है और वे मार्च और नारेबाजी करके लापरवाह व्यवहार नहीं करेंगे !! प्रशासन द्वारा एएमयू को दिये जाने वाले सम्मान को उन्हें सदैव महत्व देना चाहिए!

यह एएमयू के सभी छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए चेतावनी है कि वे ऐसे गुमराह छात्रों को नियंत्रित करें, इससे पहले कि एएमयू प्रशासन के सामने अपनी प्रतिष्ठा खो दे !!

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इसके साथ ही विधायक ने इंटेलिजेंस नेटवर्क के महत्त्व को दर्शाते हुए कहा कि प्राचीन काल से ही प्रत्येक सरकार के लिए खुफिया जानकारी एकत्र करना अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।

यहां तक ​​कि 300 ईसा पूर्व कौटिल्य के ‘अर्थ शास्त्र’ में भी गुप्त एजेंटों और गुप्त अभियानों पर एक अध्याय है और राजाओं के लिए इसका महत्व है, असफलता अच्छा संकेत नहीं है, दुनिया भर में इंटेलिजेंस नेटवर्क को सुधारना होगा!

ह्यूमन इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस इकट्ठा करने के बीच संतुलन होना चाहिए। वैश्विक इंटेलिजेंस शेयरिंग नेटवर्क की आवश्यकता है,

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन एजेंसियों को उच्चतम क्षमता और निष्ठावान लोगों द्वारा संचालित किया जाना चाहिए। ये एजेंसियां ​​अरबों डॉलर खर्च करती हैं और इनके पास हजारों आदमी होते हैं। खुफिया विफलता स्वीकार्य नहीं है।

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